जब भी बात बैक्टीरिया की आती है तो हम सभी अपने दिमाग में किसी न किसी के बारें में सोचने लगते है। जबकि वास्तविकता है कि बैक्टीरिया केवन ख़राब नहींह होते है बल्कि यह स्वास्थ्य को लाभ पहुँचाने वाले भी होते है। प्रोबायोटिक अच्चे बैक्टीरिया या कहें स्वस्थ्कारी बैक्टीरिया की श्रेणी में आते है. आईये, मेदान्ता मेडिसिटी की न्यूट्रीशनिस्ट एंड डायबिटिस एजुकेटर, शुभदा भनौत से इस विषय में जानते है.
क्या है प्रोबायोटिक :
प्रोबायोटिक हमारी आंत में पहले से ही मौजूद रहते है और ये हमारे द्वारा खाएं गए भोजन को पचाने में मदद करते है.इनकी मदद से हम अपने सम्पूर्ण स्वास्थ्य को दुरुस्त कर सकते है. मगर कई बार गलत खानपान व जीवन शैली, किसी बीमारी या दवाई आदि का सबन करने से हमारे शरीर में इनकी संख्या कम हो जाती है. परिणामस्वरूप पेट में गड़बड़ी हो जाती है.
प्रोबायोटिक का सेवन करने से पाचन तंत्र में हुए अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का अनुपात संतुलित हो जाता है. इससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और आपका शरीर आपके द्वारा खाए गए भोजन से सभी पोषक तत्वों को भी प्राप्त कर पाता है.
प्रोबायोटिक के विभिन्न रूप :
खाद्य पदार्थों के आलावा हेल्थ सप्लिमेंट्स के रूप में भी इन्हें प्राप्त किया जा सकता है.
जरुरी है डॉक्टरी सलाह :
वैसे तो यह पूरी तरह से सुरक्षित होते है मगर फिर भी इनका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह अवश्य ले ले. ताकि आपको इस बात का ज्ञान हो सके की आपको कितनी मात्रा में कितने समय के लिए इनका सेवन करना है.
नियमित सेवन करें या नहीं:
खाद्य पदार्थ जैसे दही आदि का सेवन आप जीवन भर कर सकते है मगर प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स का सेवन निर्धारित समयावधि के लिए ही करना चहिये. आपको प्रोबायोटिक का सेवन कब तक करना है इसकी सलाह डॉक्टर से ले.
याद रहें:
- बिना डॉक्टर की सलाह के प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स का सेवन न करें
- अच्छे और विश्वसनीय प्रोडक्ट का ही सेवन करे।
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