बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

खाएं मगर ध्यान से

आपने न जाने कितने ही आर्टिकल्स ऐसे पढ़े होंगे जोकि आपको इस बात की सलाह देते है कि आप उन्हें "खाएं" या "नहीं खाएं"? मगर आज हम उन खाद्य पदार्थों की बात करने जा रहे हैं जिन्हें खाने से आपकी सेहत को लाभ होगा तो हो सकता है कि आपको इसका नुकसान भी उठाना पड़ें। आईए जानते है:

डेरी प्रोडक्ट्स:

इसलिए खाएं:

दूध और उससे बने खाद्य पदार्थ कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर होते है। कम कैलोरीज में कैल्शियम और विटामिन डी का इनसे बेहतर कोई स्रोत नहीं है। स्किम्ड मिल्क, लो फैट पनीर या दही, आदि का सेवन कर आप पोषक तत्व भी प्राप्त करेंगे और कैलोरीज बहुत कम।

दे ध्यान:

यदि आप यह सोच रहे है की मिल्क शेक या पुडिंग आदि का सेवन कर डेरी प्रोडक्ट्स के लाभ उठा पाएंगे तो आप गलत है। शेक या पुडिंग आदि में कैलोरीज बहुत अधिक होती है। यानी इनका सेवन करना मतलब, मोटापे को निमंत्रण देना है। साथ ही जिन लोगो को दूध को पचाने में कठिनाई होती है उन्हें दूध की जगह दही या पनीर जैसे विकल्पों का ही सेवन करना चाहिए।

केला 

इसलिए खाएं:

केला पोटैशियम और कैल्शियम युक्त होता है। जिन लोगो को हाई बीपी की समस्या है उनके लिए केला काफी लाभकारी साबित हो सकता है। साथ ही केले में पानी की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसलिए इसका सेवन पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में मदद करता है।

दे ध्यान :

अगर आप अपने वजन को कम करना चाहते है तो आप केला खा सकते है।  मगर बनाना शेक का सेवन न करें। वजन बढ़ाने में बनाना शेक का कोई सानी नहीं है।

अंडा:

इसलिए खाएं:

प्रोटीन का इससे बेहतर कोई स्रोत नहीं है। अगर आप वजन कम करना चाहते है तो केवल इसके सफ़ेद हिस्से का सेवन ही करें।

दे ध्यान :

यदि आप हाई बिपि के रोगी है या आपका कोलेस्ट्रॉल अधिक है तो आप अंडे का सेवन करते समय ध्यान दे। आपको केवन अंडे की सफेदी का सेवन करना चहिये।

मेवे:

इसलिए खाएं:

मेवों का सेवन स्वास्थ्यकारी होता है। इनमे प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी कोलेस्ट्रॉल होता है। हर रोज थोड़े से मेवों का खाने से आपको लाभ ही मिलेंगे। मगर बहुत अधिक मात्र में इसका सेवन आपको इसका नुक्सान भी पंहुचा सकता है।

दे ध्यान :

काजू का सेवन करने से आपका वजन बिना बताये बढ़ सकता है इसलिए संतुलित मात्रा में ही इनका सेवन करे।

जिस तरह हर सिक्के के दो पहलु होता है उसी तरह हर खाद्य पदार्थ के ही दो पहलु होते है. यदि आप स्वस्थ रहना चाहते है तो इसके अच्छे पहलु का चुनाव करे और हेल्दी रहें। 

शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2013

ऐलोविरा जूस, नए है इसके गुण


खुबसूरत स्किन केवल बाहरी दिखावे से नही बनती है बल्कि इसके लिए स्किन व शरीर को भीतर से स्वस्थ होना बहुत जरुरी है. ऐलोविरा एक ऐसा प्रसिद्ध हर्ब है जो आपकी स्किन को भीतर से स्वस्थ बनाने के साथ-साथ आपके शरीर को भी स्वस्थ बनाता है. इसकी अद्भुत हीलिंग प्रोपर्टीज अर्थात स्वस्थ करने का गन इससे अन्य हर्ब्स से अलग करता है.

ऐलोविरा में एंटी बेक्टिरियल और एंटी वायरल विशेषताएं हैं. सरल भाषा में कहें तो ऐलोविरा बेक्टेरिया और वायरल दोनों से बचाव करने में समर्थ है. बहुत से अध्ययन भी इस बात का प्रमाण देते है कि ऐलोविरा शारीरिक समस्याओं और सोंदर्य सम्बन्धी समस्याओ के लिए बहुत लाभकारी है. इसकी यहीं विशेषताओं पर फ़िदा होकर इसका प्रयोग बहुत से ब्यूटी और हेल्थ प्रोडक्ट्स  में होने लगा है. कई सालो से आयुर्वेद में होने वाले इस हर्ब कि चर्चा इतनी अधिक है कि अब ऐलोविरा जेल, क्रीम, लोशन, टेबलेट. और जूस आदि के रूप में भी उपलब्ध होने लगा है. आईये इसके लाभों पर एक नजर डालते है :-

खुबसूरत दिखे ऐलोविरा के साथ -

ऐलोविरा जूस कि एंटी बेक्टिरियल विशेषता आपकी स्किन को नया जीवन देने में मदद करता है. ऐलोविरा शरीर को भीतर से डिटाक्स करता है और स्किन कि नमी को बनाये रखने में मदद करता है जिससे आपकी स्किन स्वस्थ बनती है. नियमित रूप से ऐलोविरा जूस का सेवन करने पर आपकी स्किन भीतर से ख़ूबसूरत बनती है. इससे न केवल आपकी स्किन को नया जीवन मिलता है बल्कि इससे बढती उम्र का स्किन पर पड़ने वाला कुप्रभाव भी कम होता है. यह झुर्रियों का इलाज करता है. यह स्किन में कोलाजन और लचीलेपन को बढा कर आपकी स्किन को जवा और खुबसूरत बनता है.

पाए स्वस्थ काया : -

  • ऐलोविरा जूस शरीर कि रोग प्रतिरक्षात्मक क्षमता को मजबूत करता है जोकि संक्रमण से बचने में मदद करता है. यह शरीर कि एनर्जी के स्तर को भी बढाता है. साथ ही ऐलोविरा जूस वजन कम करने में भी मदद करता है.
  • इन सबके अलावा यह पाचन प्रक्रिया को भी दुरुस्त करता है. सूजन कम करने और एंटी बेक्टिरियल और एंटी वायरल प्रोपर्टीज होती है जो डायजेसटिव ट्रेक को भी दुरुस्त करने में मदद करता है.
  • ऐसा माना जाता है कि जिन्हें आर्थराइटिस का दर्द होता है उनके लिए भी यह बहुत लाभकारी साबित होता है.
ऐलोविरा एक बेहतरीन हर्ब है मगर फिर भी इसके प्रयोग करने से पहले टेस्ट अवश्य कर ले.

बुधवार, 20 फ़रवरी 2013

प्रोबायोटिक ज्ञान


जब भी बात बैक्टीरिया की आती है तो हम सभी अपने दिमाग में किसी न किसी  के बारें में सोचने लगते है। जबकि वास्तविकता है कि बैक्टीरिया केवन ख़राब नहींह होते है बल्कि यह स्वास्थ्य को लाभ पहुँचाने वाले भी होते है। प्रोबायोटिक  अच्चे बैक्टीरिया या कहें स्वस्थ्कारी बैक्टीरिया की श्रेणी में आते है. आईये, मेदान्ता मेडिसिटी की न्यूट्रीशनिस्ट एंड डायबिटिस एजुकेटर, शुभदा भनौत से इस विषय में जानते है. 

क्या है प्रोबायोटिक :

प्रोबायोटिक  हमारी आंत में पहले से ही मौजूद रहते है और ये हमारे द्वारा खाएं गए भोजन को पचाने में मदद करते है.इनकी मदद से हम अपने सम्पूर्ण स्वास्थ्य को दुरुस्त कर सकते है. मगर कई बार गलत खानपान व जीवन शैली, किसी बीमारी या दवाई आदि का सबन करने से हमारे शरीर में इनकी संख्या कम हो जाती है. परिणामस्वरूप पेट में गड़बड़ी हो जाती है.

प्रोबायोटिक  का सेवन करने से पाचन तंत्र में हुए अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का अनुपात संतुलित हो जाता है. इससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और आपका शरीर आपके द्वारा खाए गए भोजन से सभी पोषक तत्वों को भी प्राप्त कर पाता है.

प्रोबायोटिक के विभिन्न रूप :

खाद्य पदार्थों के आलावा हेल्थ सप्लिमेंट्स के रूप में भी इन्हें प्राप्त किया जा सकता है.

जरुरी है डॉक्टरी सलाह :

वैसे तो यह पूरी तरह से सुरक्षित होते है मगर फिर भी इनका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह अवश्य ले ले. ताकि आपको इस बात का ज्ञान हो सके की आपको कितनी मात्रा में कितने समय के लिए इनका सेवन करना है.

नियमित सेवन करें या नहीं: 

खाद्य पदार्थ जैसे दही आदि का सेवन आप जीवन भर कर सकते है मगर प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स का सेवन निर्धारित समयावधि के लिए ही करना चहिये. आपको प्रोबायोटिक का सेवन कब तक करना है इसकी सलाह डॉक्टर से ले.

याद रहें:

  • बिना डॉक्टर की सलाह के प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स का सेवन न करें 
  • अच्छे और विश्वसनीय प्रोडक्ट का ही सेवन करे। 

सोमवार, 18 फ़रवरी 2013

पाएं दमकता निखार

आप ब्यूटी पार्लर जाएं या नहीं? अगर आप इस दुविधा में है तो घबराए नहीं। आप घर पर रह कर भी अपनी स्किन को दमकता हुआ बना सकती है। आइयें जानते है आप कैसे बनायें इजी और क्विक होम मेड फेस मास्क।

  • एक चम्मच हनी में आधे सेब का गुदा और ओट मील को मिलाये और इसे चहरे पर 10 मिनट लगा कर नार्मल पानी से धो ले। इससे आपकी स्किन क्लियर होगी। 
  • थोड़े से एलो वेरा जूस में एलो वेरा जैल और गुलाब जल मिलाएं। इस फेस मास्क को कम से कम 15 मिनट तक चहरे पर रखे। 
  • खीर के जूस में नीबू का रस और चुटकी भर हल्दी डाल कर इसे चेहरे व् गर्दन पर लगाएं। अगर आपकी स्किन ड्राई  है तो इस मिश्रण में  ग्लिसरीन मिलाएं। इस मास्क को 15 मिनट तक लगाएं। 
  • बेसन, नीबू का रस और चुटकी भर हल्दी को एक साथ मिलाये और चेहरे पर लगाएं। सूखने तक इस मास्क को लगे रहने दे और सूखने पर इससे ठन्डे पानी से धो ले। 
  • आधे केले में थोडा सा दही और अंडे का सफेदी मिलाएं। 15 मिनट तक लगायें। इससे आपकी स्किन में निखार  और चमक तो आएगी ही साथ ही आपकी स्किन टाइट भी होगी। 
  • उड़द की दाल को दूध में भीगा कर पिस ले और इसे चेहरे पर 15 से 20 मिनट तक लगाएं। 
  • खीरे का रस, थोडा सा तरबूज और दही को अच्छे से मिला ले अब इस मास्क को चेहरे पर लगाएं। यह निखार के साथ स्किन को ताजगी भी देगा। 
  • मिल्क पाउडर में एक चम्मच हनी और नीबू का रस मिलाये और इस पेस्ट का चेहरे और गर्दन पर लगाये। 15 मिनट रखे और फिर धो ले. आप मिल्क पाउडर और कटोरी में मिलाये  और इस मिश्रण को नहाने के पानी में मिलकर नहाए। यह मिल्क बाथ आपकी स्किन को निखारने में मदद करेगा। 
आप चाहे तो आप खुद भी फेस मास्क बना सकती है। बस एक बात का ध्यान रखें की आप जिस भी चीज़ का प्रयोग अपने फेस मास्क पर करे, उससे आपकी स्किन को कोई परेशानी न हो. इसलिए कुछ भी लगाने से पहले स्किन टेस्ट अवश्य कर ले. 

शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013

खुशियाँ है आपके पास


खुशियाँ हम सभी के जीवन में लुका-छिपी का खेल खेलती रहती है. फिर भी पता नही क्यों कुछ लोग ऐसे होते है जो हर परिस्थिति में खुश रहते है, जबकि हम थोड़ी सी परेशानी में ही दुखी हो जाते है. कई बार तो ऐसा लगता है मानो महंगाई के बढ़ने के साथ-साथ खुशियाँ भी महँगी हो गयी हो. जबकि वास्तविकता यह है कि हर छोटी से छोटी चीज़ में खुशियाँ को ढूंढ़ सकते है.

हम सभी कि अपनी अलग अलग जरूरतें है. अपनी अपनी इन्हीं जरूरतों को पूरा करने के लिए हम सभी अपनी जी जान लगा देते है, खूब मेहनत करते है. उस समय ऐसा लगया है कि आप अपने जीवन की सबसे बढ़ी ख़ुशी के लिए लड़ रहे है और जब आपको वे ख़ुशी मिलती है तब आपके जीवन का लक्ष्य कुछ और ही हो जाता है. यानी ख़ुशी की यह अंधी दौड़ कभी ख़त्म नहीं होती है और आप कभी भी अपने जीवन में खुश नहीं हो पाते है.

आईये हम आपको बताते है कैसे आप छोटी-छोटी चीजों से भी ख़ुशी पा सकते है.

बने किताबी कीड़ा -
आपने क्या कहा कि भला किताबें कैसे आपको ख़ुशी दे सकती है? तो सुनिए, जब हम बात करते है किताबों की तब हम उसमें सभी तरह की किताबों की बात करते है. २४ साल की कीर्ति अरोरा, आई-टी सेक्टर में जॉब करती है. कीर्ति को आज भी कॉमिक बुक पढना बहुत पसंद है. उसके अनुसार, "मिक बुक पढने से बहुत ख़ुशी अनुभव होती है. कई बार मेरे दोस्त मेरी इस आदत का मजाक बनाते है, पर चाहे जो भी हो कॉमिक बुक के प्रति जो मेरा लगाव है वह कभी दूर नहीं हो सकता है." किताबें चाहे कोई ब्यूटी मैगज़ीन हो या फिर कोई कॉमिक बुक, या फिर कोई फ़िल्मी मैगज़ीन, या फिर कोई नोवल, या कोई गंभीर विषय से सम्बंधित किताबें, आपकी पसंद चाहे जो भी हो अपनी पसंद की किताबें पढ़ कर देखें आपको बहुत मजा आयेगा और आपको ख़ुशी भी मिलेगी, साथ ही ज्ञान का विकास भी होगा.

गिफ्ट खरीदें -
सरप्राइज गिफ्ट, आपको ख़ुशी देता है. सोचिये यदि आप दूसरों के लिए बिना किसी कारण गिफ्ट खरीद कर दे तब उन्हें कितनी ख़ुशी मिलती है. दूसरों की यह ख़ुशी आपको भी ख़ुशी का अनुभव कराती है. वैसे यदि आप चाहे तो आप अपने लिए गिफ्ट खरीद कर अपने आपको खुश कर सकते है. मगर हाँ अपनी जेब का ध्यान रखना बिलकुल भी न भूले.

म्यूजिक सुने -
म्यूजिक सभी की पहली पसंद होता है. संगीत में इतना जादू है कि यदि किसी सुनी जगह पर आप कोई तड़का भड़कता भरा गाना चला दें तो उस जगह में भी खुशियों और उल्लास भर जाती है. म्यूजिक के बहुत से टाइप होते है. आपको जो भी पसंद हो वहीं सुने. यह आपको ख़ुशी देने के साथ आपको ताजा अनुभव करता है. साथ ही यह आपकी शरीर में सकारात्मक सोच का भी विस्तार करता है.

पसंदीदा खाना खाए -
आजकल वैसे तो सबको साइज़ जीरो दिखने के फितूर के कारण खाना खाने का त्याग कर लिया है. पर जब भी आप परेशान हो अपनी पसंदीदा चीज़ खाएं जैसे - चाकलेट, आइसक्रीम, आदि. यह आपको ख़ुशी देगा और आपके दुःख को दूर करने में भी मदद करता है.

अपनी फोटो एल्बम देखे -
याद है आपको आपकी बचपन की वो फोटो जिसमें आप नाक सिकोड़ खड़े है और सभी आपका मजाक बना रहे है. फोटोग्राफ चीज़ ही ऐसी है कि हर बार अपने साथ कोई न कोई नयी कहानी कह जाती है. हम सभी की फोटो एल्बम में लगी फोटो हमारी अच्छी यादों का खजाना होती है. ये आपको आपके जीवन के ख़ुशी भरे पलों में दुबारा ले जाकर आपको ख़ुशी देंगे.

ब्राईट व्यक्तित्व -
अपने व्यवहार को ब्राईट बनाने के लिए आप ब्राईट रंगों की मदद ले सकते है. डॉ आरती आनंद, सर गंगाराम अस्पताल के अनुसार, "ब्राईट रंग के कपडे पहने और अपने आपको सजाकर रखे यानी मेकअप आपको खुश रहने में मदद करता है. इसके अलावा शांत रहें, दूसरों के साथ मजाक करें और हमेशा पोजिटिव सोचे. यदि आप किसी से किसी बात पर नाराज है तो उस व्यक्ति के साथ बात करें. साथ ही दूसरों को माफ़ करने की कला सीखें, यह आपको मानसिक शांति देगा."

चैरिटी करें -
डॉ आनंद के अनुसार "चैरिटी करें. आपके पास दान देने के लिए बहुत कुछ है. उन लोगो की मदद कीजिये जिनके पास कुछ भी नही है या जिन्हें किसी चीज़ की जरुरत है. यह वे लोग है जिनके पास आपकी जैसी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं है. ऐसे जरूरतमंद की मदद करने से आपको संतोष मिलेगा और आपको भीतर से ख़ुशी अनुभव होगी. आपकी थोड़ी सी मदद और प्यार दूसरों को बहुत सी ख़ुशी दे सकते है और उनकी जरूरतों को पूरा कर सकते है."

खुश रहना उतना मुश्किल नहीं है जितना की आपको लगता है. डॉ आनंद ने अंत में बताया है कि "अपनी तुलना दूसरों से बिलकुल भी न करें. यह मत सोचें कि आप किसी चर्चित अभिनेता या अभिनेत्री जैसे क्यों नहीं है? आप जैसे है बहुत अच्छे है. कई बार दूसरों के साथ की गयी यह तुलना आपके भीतर नकारात्मक सोच का संचार करती है और आपके भीतर की ख़ुशी ख़त्म होती चली जाती है. इसलिए तुलना करना छोडे और अपने आपको अपने रूप में ही अपनाएं."

मंगलवार, 12 फ़रवरी 2013

जागरूक बनें, ब्रैस्ट कैंसर से लड़ें

ब्रैस्ट कैंसर, गंभीर बीमारी है। हम सभी इस बीमारी के बारें में जानते है। पर शायद यह नहीं जानते है कि थोड़ी सी जागरूकता और बीमारी के निवारण के लिए जल्द उठाये गए कदम, इस समस्या से लड़ने और इसे हराने में हमारी मदद कर सकते है। तथ्य यह बताते है कि अब यह बीमारी 30 से 50 साल के आयु वर्ग की महिलाओं को होती है। जबकि कुछ समय पहले इसका आयु वर्ग 50-70 साल होता था। कम होती आयु का आंकड़ा यह साफ़ दर्शाता है कि जानकारी होने बाद भी अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही का व्यवहार इस समस्या को और भी गंभीर बना रहा है।

महत्वपूर्ण बातें :
  • यदि आपके परिवार में कोई ब्रैस्ट कैन्सर से पीड़ित है तो आपको आना विशेष ध्यान देने की जरुरत है।
  • ब्रैस्ट कैंसर केवल महिलाओं की बीमारी नहीं है। पुरुष भी इस समस्या का शिकार बन सकते है। 
  • बहुत से रिसर्च इस बात का प्रमाण देते है कि  गर्भ निरोधक दवाइयों का सेवन करने वाली महिलाओं के ब्रैस्ट कैंसर से ग्रसित होने की आशंकाएं अधिक होती है।
  • फैट युक्त भोजन अधिक सेवन करना भी इस समस्या को निमंत्रण देने के समान है। साथ ही नियमित रूप से शराब का सेवन भी इस समस्या को जन्म देने में सहायक होता है।
  • कई लोगो का मानना है कि जिन महिलाओ के ब्रैस्ट का आकार बड़ा और भरी होता है वे इस समस्या का ज्यादा शिकार होती है जबकि वास्तविकता यह है की ब्रैस्ट कैंसर का स्तनों के आकार या भारीपन से कोई  सम्बन्ध नहीं होता है।
  • इस समस्या का एक कारण तनाव भी है। इसलिए एक्सरसाइज करें और तनाव मुक्त रहने का प्रयास करें। 
कब ले सलाह :
  • स्तनों के आकर में बदलाव दिखे। 
  • निप्पल से रक्त या किसी अन्य प्रकार का डिस्चार्ज हो।
  • स्तनों के रंग में बदलाव आने पर।
  • निप्पल का टाइट होने पर या स्तनों में भारीपन महसूस होने पर।
  • किसी प्रकार की गाँठ महसूस होने पर।
  • स्तनों में असहनीय दर्द होने पर।
 उपरोक्त लक्षणों में से किसी के भी दिखने पर अनदेखा न करें और डॉक्टर का परामर्श ले।

क्या कदम उठाएं :
  •  हर महीने मासिक धर्म के आने के एक सप्ताह के बाद स्वयं अपने स्तनों की जाँच करें। इसे ब्रैस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन (BSE) कहते है। सही तकनीक जानने के लिए आप  अपनी गयनाकोलोगिस्ट की मदद ले सकते है। 
  • 20 से 40 साल के बीच साल में एक बार अपने डॉक्टर से जाँच अवश्य कराये। 
  • 40 के बाद हर तीन साल में एक बार अवश्य मेमोग्राम कराएँ। 
ब्रैस्ट कैंसर की इस जंग का सबसे बड़ा हथियार है - समस्या का जल्दी पता चलना और उसका इलाज करना। घबराएँ नहीं, अगर आप भी किसी तरह की परेशानी महसूस कर रही है तो डॉक्टर से बेझिजक बात करें और इस जंग को जीते।

सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

कैसे बढ़ाएं पानी की मात्रा

हम सभी जानते है कि हर व्यक्ति को एक दिन में 7- 8 गिलास पानी पीना चाहिए। मगर इसके बावजूद भी हर मौसम में इस टारगेट को पूरा कर पाना संभव नहीं हो पाता है। आइए, जानते है कि कैसे आप इस मौसम में अपने पानी पीने की मात्रा को बढ़ाएं।

उठायें ये महत्वपूर्ण कदम: 
  • सबसे पहले, टाइम सेट कर ले की आप हर एक घंटे में आधा गिलास पानी पीएंगे। आपको इस नियम को पूरे  तरीके से निभाना है। आपको प्यास लगे चाहे न लगे आपको अपने निर्धारित समय में पानी पीना है।
  • तरल पदार्थों का सेवन करें जैसे - हर्बल टी, फ्रूट जूस, सूप और अन्य हर्बल जूस आदि।
  • सोडा युक्त पदार्थों का सेवन न करें (जैसे कोला या अन्य  सोडा युक्त पेय पदार्थ). और हाँ, न ही इन्हें अपने तरल पदार्थो की लिस्ट में शामिल करने की गलती करें। क्योंकि  यह पदार्थ शरीर के जल स्तर को बांये या नहीं मगर यह शरीर को नुकसान जरुर पहुचाएंगे। 
  • जब भी भूख लगे सबसे पहले थोडा पानी अवश्य पिएं। कई रिसर्च इस बात का प्रमाण देते है कि कई बार तेज़ भूख लगने का अर्थ शरीर में हो रही पानी की कमी भी होती है. 
  • यदि आप कामकाजी है तो अपने ऑफिस के टेबल पर कलरफुल पानी की बोतल और सुंदर गिलास रखे ताकि आपको पानी पीने  की इच्छा हो। 
  • घर से बाहर निकलते समय अपने साथ पानी की बोतल लेना न भूले। ताकि आपको जब भी प्यास लगे आप पानी पिएं।  
ध्यान रहें:
  • यदि आप यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन के रोगी है तो भरपूर मात्रा में पानी अवश्य पिए. 
  • यदि आपको किसी प्रकार के किडनी सम्बन्धी समस्या है तो डॉक्टर से अवश्य मिले। 
  • ज्यादा उम्र के लोगो को शाम के समय कम पानी पिन चाहिए। बढती उम्र में यूरिन कण्ट्रोल करने की क्षमता कमजोर हो जाती है. ऐसे में अधिक मात्र में पानी पिने से उन्हें परेशानी हो सकती है. 
इन नियमों को अपना कर आप पानी पीने की मात्रा को बाधा सकते है. मगर एक बात का ध्यान दे की आप इस नियम को धीरे-धीरे अपनाएं। एक दिन में ही बदलाव लाने के चक्कर में आप अपनी किडनी को ज्यादा मेहनत न करवाएं। 

मंगलवार, 5 फ़रवरी 2013

ब्लैक टी की हेल्दी दुनिया

ब्लैक टी, चाय का एक प्रसिद्ध प्रकार है जोकि बहुत स्वास्थ्कारी भी है। इसमें चाय कीसूखी पत्तियाँ होती है जिस कारण इसका रंग गहरा होता है। ब्लैक टी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें कैफीन की मात्र बहुत कम होती है। आइये आज हम ब्लैक टी के अन्य गुणों पर एक नज़र डालते है। 

ब्लैक टी का ऑक्सीकरण चाय के अन्य प्रकार जैसे ग्रीन या वाइट टी से ज्यादा होता है, इसलिए इसका स्वाद तेज़ होता है। साथ ही इसे कई दिन तक स्टोर करने पर भी इसका टेस्ट कम नहीं होता है।

स्वास्थ्य लाभ :
  • ब्लैक टी में फ्लोराइड होता है जोकि दांतों को मजबूत बनता है और मुंह को स्वस्थ रखने में सहायक होता है। 
  • इसमें एंटीओक्सिडेंट भी प्रचुर मात्रा में होते है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनता है।
  • ये स्किन के लिए भी बहुत लाभकारी होता है।आजकल बहुत सी स्किन क्रीम और लोशन में इसका प्रयोग किया जा रहा है। यह स्किन को जवान बनाती है। 
  • यदि आप मोटापे से परेशान है तो इसका सेवन करें। यह आपके मेटाबोलिस्म को तेज़ कर फैट को बर्न करने में मदद करता है। 
  • कुछ रिसर्च ये भी मानते है कि ब्लैक टी में कैंसर से लड़ने का भी गुण है। ये कैंसर सेल्स के विकास को कम करता है और स्वास्थ्कारी सेल्स को बढाता है।
स्पेशल टिप :

कुछ रिसर्च ये मानते है कि ब्लैक टी में दूध मिलाने आर इसके गुण कम हो जाते है। इसलिए बिना दूध और चीनी (या कम चीनी)के साथ इसका सेवन करें। 

कैसे बनाये :

आप ब्लैक टी को ओ तरह से बना सकते है। 
  1. चाय की केतली में जितने कप चाय बनाने है उतने कप गर्म पनी ले ले। अब हर कप के लिए आधा चम्मच ब्लैक टी के पत्ते केतली में डाल दे। केतली ढक दे और 5 मिनट बाद इसे छान कर पिएं।
  2. पतीले में जितने कप चाय बनाने है उतने कप पानी गर्म कर ले। अब उबलते पानी में हर कप के लिए आधा चम्मच ब्लैक टी के पत्ते डाल दे। 2 मिनट उबाले और छान कर इसे पिएं।