मंगलवार, 13 मार्च 2012

गर्भावस्था में क्या खाएं क्या ना खाएं

Food avoid in pregnancy

जब आपको पहली बार अपनी गर्भवती होने की खबर मिलती है तो आपकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता। आप रह रहकर यह सोचती रहती हैं कि आनेवाला मेहमान कैसा होगा, उसके बारे में भावी योजनायें बनाने लगती हैं, लेकिन आपकी सबसे प्रमुख चिंता यह रहती है कि आनेवाला मेहमान सुंदर और स्वस्थ होगा कि नहीं। आप यह सोचकर परेशान रहती हैं कि गर्भावस्था के दौरान आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं और कई महिलाओं को यह डर भी सताता है कि कही गर्भपात न हो जाये।

आइये, इस लेख में हम आपको बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान आपको क्या नहीं खाना चाहिए ताकि आपके गर्भ में पलने वाला बच्चा स्वस्थ रहे और आपको गर्भपात का खतरा कम से कम हो; क्योंकि अक्सर देखा गया है कि गलत खान पान की वजह से अधिकांश महिलाओं को गर्भपात हो जाता है।

गर्भधारण के दौरान आपको जिन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए वे इस प्रकार हैं:

  • मदिरा: मदिरा के सेवन से आपके होने वाले बच्चे के वज़न पर, सीखने समझने की काबलियत पर, आँखों पर, अंगों पर, स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
  • कैफीन: कैफीन का सेवन गर्भवती महिला में गर्भपात और बच्चे के असामयिक जन्म का खतरा बढ़ा सकता है।
  • कच्चे अंडे: कच्चे अंडों में सलमोनेल्ला जीवाणुओं का समावेश होता है जिससे आहार संबधी बीमारियाँ होने का ख़तरा बढ़ जाता है। उस खान पान के सेवन से भी बचें जिनमे कच्चे अंडे मिले हुए होते हैं।
  • पारा युक्त मछली: पारा यानी कि मरक्युरी बच्चे के मस्तिष्क के विकास में विलंब पैदा करता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान पारा युक्त मछली के सेवन से बचना चाहिए।
  • पपीता : गर्भावस्था के दौरान भारतीय महिलाओं को पपीता का सेवन करने से मना किया जाता है, खासकर के अगर पपीता कच्चा या अधपका हो।
  • बैंगन, मिर्ची, प्याज, लहसुन, हिंग, बाजरा, गुड़ का सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए, खासकर के उनको जिनका किसी न किसी कारण से पहले गर्भपात हो चुका है।
  • पिसे हुए मसालेदार मांस का सेवन करने से भी बचना चाहिए, क्योंकि उसमे हानिकारक जीवाणुओं का समावेश हो सकता है।
  • गर्भावस्था के दौरान घोंगा यानी कि सीपदार मछली का भी सेवन करने से बचना चाहिए।
  • बिना पाश्चरिकृत किये हुए दूध का सेवन बिलकुल भी ना करें क्योंकि उसमे लिस्टेरिया नामक जीवाणु मौजूद होते हैं जो कि गर्भपात का कारण बन सकते हैं।
  • कच्चे मांस का सेवन बिलकुल भी न करें, क्योंकि कच्चा मांस आपको साल्मोनेल्ला या टॉक्सोपलॉस्मोसिस से संक्रमित कर सकता है।
  • कॉफ़ी, चाय, और कोला जैसे वातित कैफ्फिन युक्त पेयों के सेवन से भी बचना चाहिए।
  • मैदे से बनाये गए खान पान का भी सेवन न करें। उसी तरह उन खान पानों से भी बचें जिनमे शक्कर की मात्रा अधिक हो।
  • हालाँकि यह वैज्ञानिक रूप से साबित नहीं किया गया है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि अपने खान पान बड़ी मात्रा में जायफल का समावेश करना आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है।


गर्भावस्था के दौरान हरी सब्जियां खाना बहुत हीं लाभदायक होता है लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि हरी सब्जियां ताजे एवं स्वच्छ हों। इसके लिए आप बाजार से सब्जियां खरीदने के बाद अच्छी तरह से साफ पानी से दो तीन बार धो लिया करें। ऐसा करने से न सिर्फ सब्जियों पे मौजूद जीवाणु साफ हो जाते हैं बल्कि अगर उनके ऊपर किसी तरह के कीटनाशक का छिडकाव किया गया होगा तो वह भी धुल जायेगा।

आप में से बहुत सारे लोगों को ये पता होगा कि आज कल सब्जियां या फल तोड़कर कई दिनों या महीनो तक कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है यानि उनका संरक्षण किया जाता है। ऐसे में सब्जियों के ऊपर कई रसायन डाले जाते हैं ताकि वे सड़े गले नहीं और ताजा दिखें। कई व्यापारी सब्जियों को हरा दिखलाने के लिए उन्हें ऐसे रसायन में डुबोते हैं जिनसे सब्जियां बहुत हीं हरी एवं ताजी दिखने लगती हैं। कोई और चारा न देखकर यह ग्राहक की मज़बूरी हो जाती है कि वह उन सब्जियों को ख़रीदे लेकिन अगर आप उन्हें पानी से अच्छी तरह से धो लेते हैं तो उनसे होने वाला कुप्रभाव बहुत हद तक कम हो जाता है।

यूँ तो फल हर किसी को फायदा हीं पहुंचता है लेकिन आज कल लालची व्यापारियों की वजह से फल भी सुरक्षित नहीं रहे। उन्हें समय से पहले हीं तोड़ लिया जाता है और कई दिनों महीनो तक कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है। कच्चे फलों के ऊपर तरह तरह के रसायन डालकर पकाया जाता है जो शरीर को हानि पहुंचाते हैं। लेकिन इंसान को मज़बूरी में ऐसे फल भी खाने पड़ते हैं क्योंकि हर जगह यह सुविधा नहीं होती कि आप पेड़ से ताजे फल तोड़कर खाएं या किसी मरीज को खिलाएं। ऐसे में अगर आपको फल खाना पड़े तो आप फलों को खूब अच्छी तरह से धो लें। यूँ तो छिलके बहुत हीं फायदेमंद होते हैं लेकिन अगर आपको शक हो कि छिलके पर बहुत ज्यादा रसायन या गंदगी हो सकती है तो बेहतर है कि आप उस फल का छिलका निकाल कर खाएं।

गर्भावस्था के दौरान अंकुरित अनाज खाने की भी मनाही होती है क्योंकि कई बार अंकुरित अनाज खाने से वैसे जीवाणु आपके शरीर के भीतर चले जाते हैं जो आपके बच्चे के लिए नुकसानदेह होते हैं।

एक बात याद रखें कि ज़रा से भी गलत आहार के सेवन से न सिर्फ आप मुश्किल में पड़ सकती हैं, बल्कि आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसलिए सोच समझकर हीं कुछ खाएं।

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