मंगलवार, 20 मार्च 2012

खाने में लगाएं दिमाग





अक्सर लोग स्वाद या मूड ठीक करने के चक्कर में ओवर ईटिंग कर जाते हैं, लेकिन जरूरी है कि खाने में भी हम अपना दिमाग जरूर लगाएं। जानते हैं कुछ टिप्स :
खाने की सभी की आदतें भले ही अलग हों, लेकिन कहीं न कहीं ये मैच जरूर करती हैं। अब बताएं कि क्या आप खुद को अपनी फेवरिट डिश एक्सट्रा खाने से रोक पाते हैं या फिर मूड ऑफ होने या बोरियत में कैलरी वाली चीजें एंजॉय नहीं करते? बस यहीं आकर जरूरत पड़ती है कि हम खाने में इमोशंस या स्वाद को हावी न होने दें और इसमें दिमाग लगाएं।


क्यों खाते हैं हम

यह जानना बहुत जरूरी है कि हम क्यों खाते हैं? बेशक इसकी जरूरत बॉडी को नरिशमेंट देने के लिए है और इसलिए भी कि इससे हमें एनर्जी और स्टैमिना मिलता है। हालांकि गौर करने पर आप पाएंगे कि खाना हम और भी सिचुएशंस में खाते हैं। जब हमारा मूड ऑफ होता है, हम बोर हो रहे होते हैं, किसी चिंता में होते हैं या स्टे्रस हम पर हावी होता है या फिर खाना हमें बहुत टेस्टी लगता है। अब यह बात और है कि ऐसी स्थिति में हम ईटिंग की बजाय ओवरईटिंग ही कर रहे होते हैं।


खाने में दिमाग लगाएं

आप ओवरईटिंग अवॉइड करना चाहते हैं और आपकी यह भी कोशिश है कि आपकी डाइट बैलेंस्ड रहे, तो बेहतर होगा कि आप अपने दिमाग की सुनें। यही नहीं, दिमाग को आदत डालें कि वह आपकी बॉडी की जरूरत के हिसाब से ही खाना खाने का सिग्नल दे। मसलन अगली बार खाने से पहले यह जरूर सोचें कि यह हम भूख लगने पर खा रहे हैं या फिर बोरियत में, थकान में, टेंशन में या किसी को कंपनी देने के लिए? कई बार हमें ट्रडिशंस के चलते भी कुछ चीजें यूं ही खानी पड़ती हैं। ऐसे में आप सिचुएशन पर ईमानदारी से गौर करें और सिर्फ भूख लगने पर ही खाएं। आप चाहें तो कुछ बातों पर गौर भी कर सकते हैं :

- बॉडी स्कैन करें

यह चेक करें कि आपकी बॉडी रिलैक्स्ड है या नहीं ? आपका पेट भरा हुआ फील कर रहा है या खाली। बता दें कि रिलैक्स होने पर खाने से सिर्फ खाना अच्छी तरह पचता है , बल्कि आप ओवरईटिंग से भी बचते हैं।

- छोटी प्लेट उठाएं

जब भी प्लेट में खाना डालने की बारी आए , तो सलाद या एपैटाइजर सर्व करने वाली प्लेट उठाएं। अगर आप अपनी प्लेट का सारा खाना खत्म करने वाले रूल को फॉलो करते हैं , तो प्लेट का साइज घटाकर आप अपनी ईटिंग को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।

- शांत माहौल में खाएं

खाना कभी भी टीवी देखते हुए , ड्राइव करते हुए , फोन पर बात करने के दौरान या फिर ऑफिस में अपनी सीट पर बैठकर खाएं। कोशिश करें कि कुछ दिन खाना आप अकेले शांत माहौल में खाएं। इस तरह आपका पूरा फोकस खाने पर रहेगा और दूसरी चीजें आपके ध्यान को भटकाएंगी नहीं।

- खूब चबाएं खाना

क्या आपको याद है कि आपने आखिरी बार अच्छी तरह चबा - चबाकर खाना कब खाया था और हर बाइट का टेस्ट कैसा था ? अगर नहीं , तो अपने खाने को अच्छी तरह चबाने की आदत डालें। इससे आपको खाने का असली स्वाद पता लगने के साथ डाइट पर आपका कंट्रोल भी बनेगा।

- धीरे खाएं

खाने पर एकदम अटैक करने की बजाय इसे धीरे - धीरे खाने की आदत डालें। खाने के बीच में चम्मच नीचे रख दें और थोड़ा पानी पीएं। स्पीड कम करने पर आप कम और बैलेंस्ड चीजें खाएंगे।

- खुद पर करें कंट्रोल

खाने के दौरान खुद पर कंट्रोल रखना जरूरी है। मान लें कि आपको बहुत जोर की भूख लगी है। ऐसे में आप इसे 1-10 के स्केल पर नोट कर लें। अगर एक एकदम लाइट डाइट हो , तो 10 को इतना खाने की पोजिशन मानें कि आपका पेट फटने वाली स्थिति में जाए। ऐसे में आप पांच पॉइंट के आसपास खाना खाना रोक दें। यह ध्यान में रखकर चलें कि भूख से थोड़ा कम खाने का मतलब ही नरिशमेंट वाली डाइट है। इससे ऊपर जाने पर आप ओवरईटिंग करेंगे।

- खाना छोड़ दें

जब आप पांच के पॉइंट पर पहुंच जाए , तो खाना छोड़ दें। इसके लिए अगर शुरुआत में आपको प्लेट खाना छोड़ना भी पड़े , तो इससे भी परहेज करें। बाद में आप खुद ही प्लेट में लिमिट में खाना डालना सीख जाएंगे।

- दूसरी बार से पहले

अगर आप अपनी प्लेट में दूसरी बार खाना डालने जा रहे हैं , तो पहले 15 मिनट रुकें। इस तरह आप खुद को ओवरईटिंग से बचा लेंगे

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