
नवरात्र में खान-पान पर संयम रखना जरूरी है। तभी आप सही मायने में उपवास करेंगे। व्रत के दौरान आहार में आप फलाहार ले सकते है। वैसे तो कई लोग नवरात्रों में निराहार ही रहते है लेकिन कुछ बाजारों में व्रत के लिए उपलब्ध सामान को खाकर अपना व्रत खोलते है। आमतौर पर लोग व्रत के समय अधिक तैलीय पदार्थों का सेवन करते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आइए जानें नवरात्र में कैसे आहार में संयम रखें।
- नवरात्रों में लोग अपनी-अपनी मान्यता, श्रद्घा और परंपरा के अनुसार व्रत करना पसंद करते है। कुछ लोग नवरात्र में सिर्फ पानी पीकर रहते है तो कुछ फलाहार लेकर। जबकि कुछ लोग सिर्फ एक समय का भोजन करते है।
- नवरात्रों के दौरान संतुलित भोजन करना बेहद आवश्यक है ताकि आप अपने को फिट रख सकें।
- उपवास के दौरान जरूरी है कि आप तैलीय भोजन न करके तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें। इनमें आप जूस, नींबू पानी, सादा पानी, इत्यादि ले सकते है।
- केवल फलों के सेवन से भी आप नवरात्रों में स्वस्थ रह सकते है।
- उपवास के समय शारीरिक ऊर्जा और मानसिक एकाग्रता बढ़ाने वाले आहार लेने चाहिए।
- बाजारों में व्रत के लिए आने वाले सामान को न ही लें तो बेहतर है। इन खाद्य पदार्थों में हाई कैलोरी के साथ-साथ तेल-घी की भी अच्छी खासी मात्रा होती है।
- उपवास के दौरान ऐसे आहार ले जो आपके मोटापे को न बढ़ाए और आपके लिए संतुलित हो।
- उपवास के दौरान कमजोर या अधिक मोटे लोग सिर्फ जूस लें जिससे शरीर में हल्कापन बना रहेगा और थकावट व सुस्ती–आलस सभी दूर रहेंगे।
- उपवास के दौरान दूध, दही, पनीर, लस्सी आदि का सेवन करें।
- नवरात्रों में उपवास के दौरान आप कुट्टू व सिंघाड़े के आटे की रोटियां, परांठे या चावल के साथ साबुदाना खा सकते है।
- सब्जियों में आलू, शकरकंद, अरबी, सीताफल, खीरा, हरी मिर्च व धनिया इत्यादि सब्जियों का सेवन किया जा सकता है।
- व्रत का खाना बनाते समय तेल का प्रयोग न करें। व्रत में तला, भूना व बाहरी भोजन करने के बजाय हल्का भोजन करे।
- किसी भी बीमारी से पीडि़त रोगियों को उपवास करने से बचना चाहिए। खासकर, रक्तचाप, अल्सर, डाइबिटीज, एनीमिक व हृदय रोगियों के लिए।
- इतना ही नहीं गर्भावस्था में भी व्रत रखना बच्चे और होने वाली मां के लिए ठीक नहीं।
- उपवास के दौरान अधिक से अधिक पानी पीएं।
kuch naya to bataoooo..........
जवाब देंहटाएंgood.........
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