मंगलवार, 20 मार्च 2012

फ़ूड जो बदल दे मूड



क्या आपने कभी सोचा है कि जरा-सी बहस पर आपको गुस्सा
क्यों आ जाता है? क्यों कुछ लोग अपना गुस्सा कंट्रोल नहीं कर
पाते हैं? जबकि आपने तमाम ऐसे लोग भी देखे होंगे, जो लोगों
के लाख भला-बुरा कहने के बावजूद बिल्कुल शांत रहते हैं और
उन्हें गुस्सा भी नहीं आता। अगर चाइनीज माइक्रोबायोटिक
डाइट की फिलॉसफी मानें, तो हम जो भी खाते हैं, वह हमारे
मूड, इमोशन और फिलिंग को प्रभावित करता है। इतना ही
नहीं, आप अपनी डाइट से यह जान सकते हैं कि आप किस तरह के व्यक्ति हैं।

इमोशंस पर फूड इफेक्ट

भले ही तनावपूर्ण स्थिति आपके कंट्रोल में ना हो, लेकिन आप
कुछ चीजों को ध्यान में रखकर इसे कंट्रोल कर सकते हैं। मान
लीजिए, आप गुस्सैल किस्म के इंसान हैं। ऐसे में हमारे लिए
समझने वाली बात यह है कि माइक्रोबायोटिक डाइट के मुताबिक
लीवर और गुस्से का सीधा संबंध है। अगर आप अपनी डाइट में
लाल मीट, मक्खन और प्रोसेस्ड फूड लेते हैं, तो इससे लीवर ठीक
से काम नहीं कर पाता है। लीवर के ठीक से काम ना करने से आपको
स्ट्रेस व चिड़चिड़ापन की शिकायत होने लगती है। इससे आपके अंदर
नेगेटिव इमोशंस आते हैं।

अगर आप बहुत ज्यादा स्ट्रेस में हैं, तो इसका असर पेंक्रियाज और
स्प्लीन पर पड़ता है। स्ट्रेस को दूर करने के लिए आप अल्कोहल, कॉफी
व चाय ज्यादा लेने लगते हैं। इसके चलते आपकी बॉडी में इंसुलिन का
लेवल कम हो जाता है, जो आपकी हेल्थ के लिए ठीक नहीं होता। जाहिर
है, आपको ऐसा कुछ नहीं खाना या पीना चाहिए, जो इंसुलिन को कम
करने वाला हो। आप अपनी डाइट में फल व सब्जियां शामिल करें। इससे
आपकी बॉडी में इंसुलिन का लेवल सामान्य रहेगा। यह सही है कि आप
एक दिन में अपनी सेहत दुरुस्त नहीं कर सकते, लेकिन इसमें कोई दो
राय नहीं कि अगर आप अपना डाइट पैटर्न चेंज करते हैं, तो इसका
पॉजिटिव असर आपको जल्द दिखेगा।

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