रविवार, 28 मार्च 2010

धीरे से आना अखियन में

जिस तरह से हम सभी के लिए खाना जरुरी है, ठीक उसी तरह हमारे लिए नींद भी जरुरी है। अक्सर हम नींद को अपनी दिनचर्या का एक सामान्य हिस्सा मानकर उसकी महत्ता को अनदेखा कर देते है। लेकिन क्या आप जानते है कि आपके शरीर के बढ़ते वजन, दिनभर लगने वाली थकान, आँखों के नीचे बढ़ते काले घेरे, पीठ में दर्द, हाथ-पैरों में आई सूजन का कारण कुछ और नहीं बल्कि नींद पूरी न होना है। कैसे बेहतर नींद पायें, आईये इस विषय के जानकारी पाने के लिए इस लेख को पढ़ते है।

नींद पूरी न हो तो आप दिनभर अपने आपको थका-थका और चिढचिढ़ा महसूस करते है। अधिकतर समय की कमी हमारी नींद को पूरा होने से रोकते है, मगर कई बार आपकी दिनचर्या भी आपकी नींद को प्रभावित कर सकती है। डॉ संजय मनचंदा, सीनियर कंसलटेंट, स्लीप मेडिसन, सर गंगा राम अस्पताल के अनुसार, याददाश्त के मजबूत होने का कार्य गहरी नींद में होता है। नींद में शरीर आराम करता है ताकि वह अगले दिन के लिए कार्य कर सकें। नींद में केवल कुछ हे आधारभूत फंक्शन एक्टिव रहते है और बाकी सभी प्रक्रियाएं रिचार्ज मोड़ की तरफ चली जाती है।

आइये कुछ महत्वपूर्ण बातों पर नजर डालते है : -

  • अपने सोने के घंटों के साथ खिलवाड़ करना बंद करें। हर रोज कम से कम छह से सात घंटे नींद अवश्य ले। डॉ मनचंदा ने सुझाव देते हुए बताया है कि "आप पूरे सप्ताह तक अपनी सामान्य दिनचर्या में निर्धारित किये गए सोने के समय को बनायें रखे। बार-बार सोने से समय में बदलाव करने से शरीर के भीतर की बायोलोजिकल घड़ी में गड़बड़ी हो सकती है जो नींद सम्बन्धी समस्याओं को जन्म देती है।" उन्होंने यह भी कहा है कि " यदि आप पार्टी एनिमल है तो पार्टी को कम करें और नींद पूरी करने को पूरा समय दें। ये आपके शरीर व मस्तिष्क दोनों के लिए अच्छा विचार होगा। साथ ही वीकेंड में भी अपने निर्धारित समय पर उठने का प्रयास करें।
  • यदि आप ऐसे कार्य क्षेत्र जैसे - कॉल सेंटर आदि से जुड़े है तो आपकी दिनचर्या सामान्य व्यक्ति से एकदम उलट होती है। इसलिए आप कुछ बातों का विशेष ध्यान रखे। दिन के समय सोते हुए कमरे में अँधेरा कर सोये। और यदि संभव हो तो ऐसे कमरे में सोये जहाँ एकांत हो और जहाँ घर में सबसे कम गतिविधियाँ होती हो। इससे आपको रात का अहसास होगा और आपका शरीर गहरी नींद सोया पायेगा।
  • रात के समय काम करने वाले लोगों के विषय में चर्चा करते हुए डॉ अनिल अरोरा, गेसटरोअन्तरोलोजिस्ट, सर गंगाराम अस्पताल ने बताया है कि मैंने देखा है कि आजकल युवा वर्ग अक्सर हार्ट बर्न और पाचन सम्बन्धी समस्याओं की शिकायत लेकर आते है। इन् लोगों में से एक बहुत बड़ा हिस्सा बीपीओ क्षेत्र से जुड़ा हुआ था जोकि अपनी बायोलोजिकल घड़ी के विपरीत जाकर कार्य करते है। गलत समय पर खाना और बहुत हाई कैलरी वाले स्नेक्स - पिज्जा, बर्गर, कैंडी, चोकलेट, आदि का सेवन करने से पाचन तंत्र को क्षति पहुचती है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर अरोरा ने कुछ सुझाव दिए है : -

(क) घर में बना खाना खाएं। खाना बनाते समय मसालों व तेल का कम मात्र में प्रयोग करें। एक बात का विशेष ध्यान रखें कि आप ऑफिस जाने से पहले अपने घर में भोजन अवश्य करें। घर का बना पोष्टिक भोजन आपको भूखा रहने से बचाएगा। साथ ही यह आपको कार्यस्थल पर जंक फ़ूड खाने से भी बचाएगा क्योंकि आपका पेट भरा हुआ होगा तो आप भोजन का सेवन चाहकर भी नहीं करेंगे।

(ख) अपने शरीर की नमी को बनायें रखने के लिए पानी पर निर्भर रहे।

(ग) अगर आपको स्नेक्स अपनी तरफ खींचते है तो आप अपने डेस्क पर पोष्टिक स्नेक्स रखे। नट्स, भुने चने, मुरमुरे, घर का बना पोष्टिक सेंडविच या कोई हेल्दी स्नेक अपने पास रखे।

  • अपने बेडरूम में टीवी बिलकुल न लगायें। अक्सर हम देर रात तक टीवी देखते रहते है। यदि टीवी आपके रूम में नहीं होगा तो आप देर रात तक टीवी देखकर अपनी नींद को परेशान नहीं करेंगे।
  • रात में सोने से पहले कैफीन या एल्कोहल का सेवन न करें। कहने का तात्पर्य है कि किसी भी प्रकार का पेय या खाद्य पदार्थ जिसका सेवन करने के बाद नींद उड़े ऐसे पदार्थों का सेवन करने से बचे।
  • व्यायाम हर समस्या में मदद करता है। डॉ जितेन्द्र नागपाल, मनोवैज्ञानिक, मूलचंद मेडिसिटी के अनुसार, योग और ध्यान न केवल आपको तनाव को दूर करता है। अगर आप तनाव ग्रस्त नहीं होंगे तो आप अच्छी नींद ले पाने में सफल रहेंगे। मगर योग और ध्यान या किसी भी प्रकार का व्यायाम हमेशा भोजन को खाने के बाद कम से कम दो से तीन घंटे के बाद ही करें।
  • मोबाइल फोन सबसे ज्यादा आपकी नींद में खलल डालती है। इसलिए रात में सोते समय अपने मोबाइल फोन को या तो स्विच ओफ कर दे या फिर आप मोबाइल का साइलेंट मोड़ में पर रखे।

नींद हम सभी के लिए जरुरी है। आप चाहे कितना भी पोष्टिक भोजन का सेवन करें। आप तब तक स्वस्थ नहीं रह पायेंगे जब तक आप नींद पूरी न कर ले।

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