गुरुवार, 25 मार्च 2010

स्पिरुलिना - दि सुपर फ़ूड

प्रकृति ने हमें देन के रूप में बहुत सी जड़ी-बूटियां दी है। आयुर्वेद में इन्हीं जड़ी बूटियों का प्रयोग कर स्वस्थ्य सम्बन्धी समस्याओं को दूर किया जाता है। आज हम इन् जड़ी बूटियों यानी हर्ब की दुनिया में से एक हर्ब स्पिरुलिना के बारें में चर्चा करते है।

दि सुपर फ़ूड, जी हाँ स्पिरुलिना को इस नाम से जाना जाता है। एक कम्पलीट फ़ूड सोर्स होने के कारन हो इससे इस उपाधि से नवाजा गया है। स्पिरुलिना, एक बेहतरीन डायट्री सप्लीमेंट है, जिसे आप टेबलेट और पाउडर के रूप में आसानी से बाजार से प्राप्त कर सकते है। स्पिरुलिना विटमिन ऐ का बेहतरीन स्रोत है और इसमें प्रोटीन भी प्रचुर मात्रा में मिलता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा मीट में मिलने वाली मात्रा से लगभग पांच गुना अधिक होती है। इन सबके अलावा इसमें मिनरल्स की भी कोई कमी नहीं है। इसमें पोटेशियम, कैल्शियम, सिलेनियम, जिंक आदि प्रचुर मात्रा में होते है। विटमिन श्रेणी की बात करें तो आप इसका सेवन कर विटमिन बी१, बी२, बी३, बी६ की खूबियाँ पा सकते है।

स्पिरुलिना में जरुरी फैटी एसिड जैसे गामा लिनोलेनिक एसिड जीएलऐ, एल्फा लिनोलेनिक एसिड एएलए, लिनोलेनिक एसिड भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते है।

स्पिरुलिना का सेवन करने से -
  • स्ट्रोक की गंभीरता में कमी आती है।
  • किमो थेरपी के कारण होने वाले हृदय को नुकसान से बचाता है।
  • बढती उम्र में मैमोरी लोस नहीं होता है।
  • हे फीवर से बचाव हो सकता है।
  • वजन बढ़ने में मदद मिलती है।
  • एनीमिया को दूर करने में मदद मिलती है।
  • कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।

इसका सेवन करने से बचे, यदि -

  • आप हायपर पैरा थायरोडिजम के रोगी है।
  • आपको सी फ़ूड या सी वीड से गंभीर एलर्जी हो।
  • बहुत तेज बुखार हो।

साइड इफेक्ट -

सामान्यतोर पर इस हर्ब का सेवन करने पर कोई साइड इफेक्ट देखने को नही मिलता है। मगर कुछ लोग को इसका सेवन करने पर हल्का बुखार महसूस हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्यूँकी शरीर को प्रोटीन को बर्न करने के लिए अतिरिक्त एनर्जी की जरुरत होती है। इसके अलावा थोडा चक्कर आना, उलटी आना, प्यास लगना, कब्ज की समस्या होना, स्किन पर रैशेज पड़ना और पेट में दर्द होने जैसे कुछ लक्षण भी देखने को मिल सकते है।

ध्यान दे -

  • स्पिरुलिना एक सुरक्षित हर्ब है। मगर बिना डॉक्टर की सलाह लिए इसका सेवन करना समस्या को निमत्रण देने जैसा होगा। इसलिए हमेसा डॉक्टर द्वारा बताई गयी डोज का ही सेवन करें। ओवर डोज के कारन शरीर में हाई प्रोटीन के कारन यूरिक एसिड बढ़ सकता है और लीवर को नुकसान पंहुचा सकता है।
  • एक बात का विशेष ध्यान रखे कि इसका सेवन करने पर आपको सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा पानी पीना चाहिए। ज्यादा यानी करीब आधा लिटर ज्यादा पानी अवश्य पिए।
  • इसका काफी, चाय, जूस और साफ्ट ड्रिंक के साथ सेवन न करें। इसका सेवन करने से शरीर के एंजाइम और स्पिरुलिना के पोषक तत्व नष्ट हो सकते है।

(डॉ दीप्ति धरा, तुलसी होलिस्टिक क्लिनिक, आयुर्वेद आचार्य के साक्षात्कार पर आधारित)

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