रविवार, 21 मार्च 2010

गुणकारी त्रिफला


आयुर्वेद में त्रिफला के बारें में बहुत कुछ लिखा गया है और इसका प्रयोग भी बहुत किया जाता रहा है। त्रिफला, तीन फलों का एक अद्वितीय मेल है। त्रिफला का अर्थ है तीन फल। इसमें हरद, बहेड़ा, आंवला तीन बराबर हिस्सों में होता है। यहीं कारन है की इसे त्रिदोषिक रसायन भी कहा जाता है।



हरद - यह ह्रदय, दिमाग के लिए टोनिक की तरह कार्य करता है और वात दोष को संतुलित करता है।

बहेड़ा - यह लीवर और ह्रदय सम्बन्धी समस्याओं को कम करता है और साथ ही यह दृष्टी और बालों के विकास में मदद करता है। यह कफ को संतुलित करता है।

आंवला - आंवला एक बेहतरीन एंटी ओक्सिडेंट की तरह कार्य करता है। यह शरीर के भीतर रोग प्रतिरक्षात्मक क्षमता को भी बूस्ट करता है। इसके अलावा यह पित्त को संतुलित करता है।



त्रिफला की सबसे बड़ी विशेषता यह है की यह वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को नियंत्रित करने में मदद करता है। यदि शारीर के भीतर सभी दोषों को नियंत्रित किया जाता है तब शारीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। त्रिफला आपको स्वस्थ रहने में मदद करता है।



अनमोल विशेषताएं : -



त्रिफला एक शक्तिशाली रसायन है जो शरीर की भीतर से क्लींजिंग और डिटाक्स करने में मदद करता है। अध्ययनों से यह साबित हो गया है कि त्रिफला एंटी केन्सरिओजेनिक क्षमता युक्त होता है। इसमें बयोफ्लेवानोयड, जरुरी अमीनो एसिड और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है। आईये इसकी विशेषताओं के बारें में जानते है -




  • आंवला इसमें एंटी ओक्सिडेंट कि विशेषता को बढाता है। एंटी ओक्सिडेंट रोग प्रतिरक्षात्मक क्षमता को बढाने में मदद करता है और शरीर को रोगों से ग्रस्त होने से बचाता है।


  • त्रिफला, ब्लड प्यूरीफायर की तरह काम करता है। ब्लड प्यूरीफायर की तरह काम करने के कारण यह ब्लड सम्बन्धी समस्याओं और स्किन सम्बन्धी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।


  • पाचन को दुरुस्त करने में मदद करता है और अपच, पेट दर्द, कब्ज़ की समस्या को दूर करता है और भूख को भी बढाता है।


  • अगर आप एनीमिया का शिकार है तो त्रिफला आपकी मदद कर सकता है। त्रिफला शरीर में हिमोग्लोबिन बढाता है।


  • यह स्किन टोन या रंगत को सुधारता है। साथ ही देखने की क्षमता और बालों के विकास को भी बढाता है।


सचेत रहें : -



मोसम के अनुसार आयुर्वेद में अलग अलग दवाइयों के साथ त्रिफला को मिलकर दिया जाता है ताकि इसका बेहतर परिणाम निकल सकें। त्रिफला बेहतरीन हर्ब है जिसका सेवन आप केप्सूल, पाउडर और टेबलेट के रूप में कर सकते है। मगर इसका सेवन करने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना जरुरी है।





  • त्रिफला का प्रयोग किसी भी उम्र के व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है मगर गर्भवती स्त्री को इसका सेवन करने से बचाना चाहिए। गर्भवती महिला द्वारा इसका सेवन करने पर गर्भपात की आशंकाएं बढ़ सकती है।


  • त्रिफला पूरी तरह से सुरक्षित है फिर भी किसी प्रशिक्षित आयुर्वेद प्रेक्टिशनर से इसका सेवन करने से पहले इसकी डोज़ के बारें में परामर्श अवश्य ले ले।


(डॉ प्रीति छाबरा, कंसल्टेंट, आयुर्वेद फिजिशियन, सर गंगा राम अस्पताल के साक्षात्कार पर आधारित)

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