गुरुवार, 4 मार्च 2010

जीवन का दूसरा पड़ाव : मीनूपॉज

मीनूपॉज, किसी भी महिला को हर महीने के मासिक धर्म के झंझट से तो मुक्ति दिला देता है, मगर साथ की कुछ अन्य समस्याओं को सामने लाकर खड़ा कर देता है। मीनूपॉज का अर्थ है महिला की प्रजनन शक्ति और मासिक धर्म पर विराम चिन्ह लगना। उम्र के इस पड़ाव में महिला को बहुत से शारीरिक व मानसिक बदलाओं से गुजरना पड़ सकता है। मीनूपॉज सम्बंधित बदलावों की चर्चा इस लेख में कर रहें है।

इंडियन मीनूपॉज सोसायटी ने अपनी वेबसाइट में यह जानकारी दी है कि महिलाओं की मीनूपॉज की आयु ४५से ५१ साल की होती है। जैसे ही महिलाएं उम्र में चालीस का पड़ाव पार करती है वे मानसिक और शारीरिक बदलाओं को महसूस करने लगती है। परेशानी होने पर भी महिलाये बढती उम्र को दोष देकर चुप्पी साधे रहती है। यही चुप्पी कई बार समस्याओं को गंभीर स्थिति में लाकर खड़ा कर देती है।

जैसे-जैसे महिलाओं कि उम्र बढती जाती है उनके शरीर के सेक्स हारमोंस - एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का निर्माण कम होने लगता है। मीनूपॉज केवल एक रात में जन्म लेने वाली समस्या नही है। इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं - हॉट फ्लेशेस, अनियमित मासिक धर्म, बेचेनी, फटीग, जोड़ो, मांस पेशियों में दर्द होना, यादाश्त कमजोर होना और रात में ठीक से नींद न ले पाना।

हॉट फ्लेसिस :

हॉट फ्लेसिस, विदेशी महिलाओ में देखने को मिलती है। भारतीय महिलाओ में मांस पेशियों या पेट में दर्द होना है, साथ ही थकान का अनुभव करना और डिप्रेशन का शिकार जल्दी होती है।

हम सभी हार्मोन्स पर पूरा आरोप लगा देते है की हार्मोन्स की गड़बड़ी ही सभी समस्याओं का कारण है। मगर काफी हद तक हार्मोन्स पर लगाये गये यह आरोप सही भी है। मीनूपॉज की उम्र में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन दो ऐसे हार्मोन्स है जो आपके ह्रदय, हड्डियों और आपके पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। महिलाओ के शरीर से एस्ट्रोजन जैसे रक्षात्मक सतह हटने की वजह से हृदय सम्बन्धी बिमारियों के होने की आशंकाएं पुरुषो की तुलना में बढ़ जाती है।

महिलाओ को मीनूपॉज का हड्डियों पर पड़ने वाले प्रभाव का भी पता चलता है। डॉ अम्बरीश मिथल के अनुसार, मीनूपॉज आयु वर्ग की महिलाओं को बोन डेंसिटी टेस्ट की सलाह दे जाती है ताकि वे भविष्य में ओस्टोपोरोसिस समस्या का शिकार न बने।

डोक्टोर्स ने इस बात की भी जानकारी दी है की मीनूपॉज के होने के कुछ साल पहले मासिक धर्म के समय रक्त का बहाव कम होना चाहिए न की ज्यादा। अगर रक्त का बहाव जाये हो तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले।

एच आर टी
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरपी से कई महिलाओ को आराम तो मिला है मगर इसके बावजूद भी यह थेरपी विवादास्पद है। यदि आप इस की मदद लेना चाहते है तो पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले।

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