बुधवार, 9 अक्तूबर 2013

दे पहला पौष्टिक भोजन

हम सभी जानते है कि जन्म के बाद नवजात शिशु को छ: माह तक केवल मां का ही दूध देना चाहिए। और उसके बाद हलका फुलका भोजन देना शुरू करना चाहिए। आज हम उस आहार के बारें में चर्चा करेंगे जिससे इन बच्चों को पहला पौष्टिक आहार मिल सके।

दाल:

अक्सर बड़े बुजुर्ग कहते है की बच्चे के भोजन की शुरुआत उसे दाल का पानी पिला कर करनी चाहिए।  मगर वास्तविकता यह है की बच्चे को कदाल का पानी नहीं बल्कि घुली हुई दाल पिलानी चहिये. यानि दाल को कुकर में इतना पक ले की बच्चा आसानी से दाल को पी सके।  इससे आपके बच्चे को दाल के सभी पोषक तत्वों की प्राप्ति होगी।

नारियल पानी और अन्य जूस:

 नारियल पानी हल्का होता है और यह पेट के लिए भी अच्चा होता है इसलिए बच्चे को नारियल पानी पिलाया जा सकता है।  इसके अलावा आप चाहे तो आप बच्चे को घर का बना जूस भी दे सकते है।  अगर आप बच्चे को बाजार का डिब्बा बंद जूस पिलाना चाहते है तो उसे आप "नो एडेड शुगर" वाले जूस पिला सकते है।

दही :

बच्चे को दही दिया जा सकते है। आप बच्चे के स्वाद के अनुसार उसमे नमक या चीनी दाल सकते है।  पर नमक और चीनी का प्रयोग नाममात्र के लिए होना चाहिए।

केला :

केले को कुचल कर उसे अच्छे से पिस ले। आअप चाहे तोह आप केले में थोडा सा दूध मिला कर इसका शेक भी बना कर बच्चे को दे सकते है।

आटा और बेसन का हलवा :

बच्चे के लिए आटा और बेसन का हलवा पतला बनाये ताकि उसे इसे खाने में कठिनाई न हो।

सेब की खीर :

सेब को छील कर उसे कद्दुकस कर ले। अब एक पैन में दूध ले और उसे अच्छे से उबाल ले. दूध उबलने पर उसमे सेब को दाल दे और गैस बंद कर पैन को ढक दे। आप च्चे तोह आप उसमे थोड़ी सी चीनी डाल सकते है।  ठंडा होने पर इसे चम्मच की मदद से अच्छे से मिस ले और बच्चे को खिलाये।

अंडा :

एक साल का होने पर आप अपने बच्चे को अंडा खाने के लिए दे सकते है।  अंडा प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत होता है. आप अपने एक साल के बच्चे को अंडे की भुज्जी या ओम्लेट दे सकते है।

महत्वपूर्ण बात :

  • बुजुर्गों के अनुसार बच्चे मीठा खाना पसंद करते है।  उनकी इस बात को बिलकुल भी न सुने। अपने बच्चे को जितना संभव को संतुलित मात्र में मीठा खाना  दे।  ज्यादा मीठा खाना बच्चो के आने वाले दांतों और स्वास्थ्य दोनों के लिए ही ठीक नहीं होता है। 
  • ध्यान रहें की आपके बच्चे का पेट उसकी मुट्ठी के जितना ही होता है. इसलिए कभी भी बच्चे के साथ खाने के मामले में जबरदस्ती न करें।  आपकी जबरदस्ती आपके बच्चे को जिद्दी बना सकती है।

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