गुरुवार, 4 जुलाई 2013

समझें ट्रांसफैट्स के खतरे को

जब भी फैट्स की बात आती है तो ट्रांसफैट्स की चर्चा अवश्य होती है। हम सभी ने कहीं न कहीं ये अवश्य पढ़ा है कि  ट्रांसफैट्स का सेवन करने से दिल की बहुत सी परेशानियां जन्म ले सकती है। मगर यह ट्रांसफैट्स है क्या और यह कैसे हमारे दिल को कमजोर कर सकती है, आइयें इसे जानते है : 

क्या है ट्रांसफैट्स:

जब वेजिटेबल आयल में हाइड्रोजन को मिलाया जाता है तब हाइड्रोजन आयल का निर्माण होता है यहीं आयल ट्रांसफैट्स है। ऐसा करने से आयल सॉलिड हो जाते है। जिस कारण इस आयल से बने खाद्य पदार्थ का निर्माण करने में इसकी कम मात्रा लगती है। साथ ही, इससे बने उत्पाद ताजा, ज्यादा क्रिस्पी और लम्बे समय तक ख़राब नहीं होते है। 
इसे पारशिअल हाइड्रोजनेटेड ऑयल्स भी कहा जाता है। अगर आप ध्यान से किसी पैक्ड प्रोडक्ट में प्रयोग की गयी सामग्री को पढ़े तो आप उसमें पारशिअल हाइड्रोजनेटेड ऑयल्स को लिखा देख सकते है। यह पारशिअल हाइड्रोजनेटेड ऑयल्स ही ट्रांस फैट्स है। 

क्या है खतरा: 

ट्रांसफैट्स का सेवन करने से शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो जाता है और ख़राब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है। जिसके परिणामस्वरुप हृदय सम्बन्धी समस्याओं का जन्म होने लगता है। इसके अलावा टाइप 2 की डायबिटीज के होने की भी आशंकाएं बढ़ने लगती है। 

किन खाद्य पदार्थों में होता है ट्रांसफैट्स:

बाजार में मिलने पीला डिब्बा बंद या पैक्ड खाद्य पदार्थों में ट्रांसफैट्स होता है। जैसे - चिप्स, बेक्ड प्रोडक्ट्स, बिस्कुट्स, डोनट, क्रैकर्स आदि। मीट  और डेरी उत्पादों में भी थोड़ी थोड़ी मात्रा में ट्रांसफैट्स होता है। जोकि प्राकृतिक है। 

कैसे बचे इससे : 

हमेशा फ़ूड लेबल को पढ़ें। यदि प्रोडक्ट की सामग्री में पारशिअल हाइड्रोजनेटेड वेजिटेबल ऑयल्स लिखा है तो इसका अर्थ हुआ की उसमे ट्रांसफैट्स का प्रयोग किया गया है। और यदि लेबल पर हाइड्रोजनेटेड वेजिटेबल ऑयल्स लिखा है तो इसका अर्थ है की प्रोडक्ट के निर्माण में प्रयोग किये गए आयल में थोड़ी मात्रा में ट्रांसफैट्स है। इसलिए फ़ूड लेबल पढ़े ताकि आप इसका सेवन करने से बच सकें। 

इसके अलावा यदि आप किसी रेस्तरा में पिज़्ज़ा खाने जा रहे है तोह यह अवश्य पूछे की वे किस आयल का प्रयोग करेंगे।

महत्वपूर्ण बात : 

आप अपने भोजन में बिना फैट्स के नहीं जी सकते है। मगर आप ट्रांसफैट्स की जगह पर मोनोसैचुरेटेड फैट या फिर सैचुरेटेड फैट का प्रयोग कर सकते है। सैचुरेटेड फैट जैसे कोकोनट आयल या फिर पाम आयल सेवन कुछ मात्रा में कर सकते है। 

अगर आप स्वास्थ्यकारी फैट का सेवन करना चाहते है तो मोनोसैचुरेटेड फैट का सेवन करें। ओलिव आयल, पीनट आयल इस श्रेणी में आते है। यह दिल को स्वस्थ बनाते है। इनके अलावा आप इसे बादाम या मचली आदि से भी प्राप्त कर सकते है। 

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