गुरुवार, 11 जुलाई 2013

खेलना भी है जरुरी

कहते है कि  " पढ़ोगे-लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे- कूदोगे तो बनोगे ख़राब". यह सही है की पढने-लिखने से आपका ज्ञान वर्धन होता है मगर खेलने से कोई खराब नहीं बनता है। खेलना सभी के लिए जरुरी है। आइयें आज हम यह जानते है की खेलना बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए कितना महत्वपूर्ण है।

जिस तरह से बच्चे के विकास के लिए पौष्टिक भोजन का जितना महत्त्व है उतना ही महत्वपूर्ण उसका खेलना भी है। खेलने से न सिर्फ आपके बच्चे का मनोरंजन होता है बल्कि इससे उसे अन्य  महत्वपूर्ण लाभ भी मिलते है।

क्यों  है जरुरी :

  • सबसे पहले यह  आपके बच्चे को ख़ुशी देता है औरउमे जोश का नया संचार करती है। आप कह सकते है की खेलने से आपके बच्चे की कार्यक्षमता बढती है। 
  • खेलने से बच्चे के आत्मविश्वास भी बढ़ता है। बच्चे खेलते समय अपने निर्णय खुद लेते है जिसकी वजह से उसके निर्णय लेने के गुण का भी विकास होता है और साथ ही उसके आत्मविश्वास में भी बढ़ावा होता है। 
  • जब आपका बच्चा किसी टीम का सदस्य बनकर खेलता है तो उसके भीतर दूसरों के साथ तारतम्य बना कर खेलने के गुण का निर्माण होता है। 
  • साथ ही खेल के नियम का पालन करते हुए आपका बच्चा नियमों का महत्त्व और उनका पालन करने की कला को भी सीखता है।
  • इन सबके अलावा आपका बच्चा प्रतिस्पर्धा या कहें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के महत्त्व को भी पहचान पाता है।
अन्य  लाभ :
  • खेलने से आपका बच्चा शारीरिक रूप से एक्टिव होता है जिस कारण  वह फिजिकली फिट रहता है। 
  • इससे उसके स्टैमिना भी बढ़ता है। 
  • मानसिक रूप से भी आपका बच्चा फिट रहता है। 
  • इसके अलावा खेल आपके बच्चे में कलात्मकता का भी विकास करता है। 
  • उसे सामाजिक बने में मदद करता है। और यह गुण उसे जीवन भर आगे बढ़ने में मदद करता है। 
  • खेलने से तनाव कम होता है और बच्चा मानसिक रूप से फ्रेश हो जाता है जोकि उसकी पढाई में उसकी मदद करता है। 
खेलना केवल मनोरंजन या समय बर्बाद करने का एक जरिया नहीं है। खेलना जरुरी है क्योंकि यह आपके बच्चे के सम्पूर्ण विकास में उसकी मदद करता है। इसलिए अगली बार यदि आपका बच्चा बाहर जाकर खेलने की जिद्द करें तोह उसे डांटे नहीं बल्कि उसे खेलने दे। मगर हाँ, खेलने का समय निर्धारित करना न भूले। 

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