गुरुवार, 8 नवंबर 2012

कहीं आपका पर्स तो नही है बैक पेन की वजह


राहुल मल्होत्रा एक इंटरनेशन काॅल सेंटर में जाॅब करते हैं। आॅफिस में ज्यादातर वक्त उन्हें अपनी चेयर पर बैठकर ही काम करना होता है। वो अपने बैठने के तरीके और आरामदायक चेयर का खास ख्याल रखते हैं। लेकिन फिर भी राहुल को कमर दर्द की शिकायत रहती है। वो परेशान होकर डाॅक्टर के पास गये। डाॅक्टर ने भी उनको आॅफिस में आरामदायक चेयर और सही तरीके से बैठने की सलाह दी। लेकिन एक दिन राहुल को अपनी पिछली जेब में रखे पर्स से, बैठने में परेशानी महसूस हुई। तो उन्होंने सोचा कहीं इसी पर्स की वजह से उनकी रीढ की हडडी में दर्द तो नही होता। जब उन्होंने डाॅक्टर से इसके बारे में बात की तो डाॅक्टर ने बताया कि हां आपका पर्स भी आपके कमर दर्द का कारण हो सकता है।

ये कुछ ऐसा है जिस पर हम रोजमर्रा की, भागती दौड़ती जिंदगी में ज्यादा ध्यान नहीं देते। लेकिन ये वाकई आपकी रीढ़ की हड्डी में दर्द पैदा कर सकता है। इसके अलावा भी कई तरह की परेशानियां खड़ी कर सकता है, खासतौर से उन लोगों के लिए जो राहुल की तरह देर-देर तक कुर्सी पर बैठ कर काम करते हैं। ये तो आप जानते ही होंगे कि कैसे कमर दर्द में चलना-फिरनाए बैठना-झुकना सब मुहाल हो जाता है। ऐसे में इस दर्द से राहत पाने के लिए पहले इसके कारण समझेंगें, फिर निजात पाने के आसान तरीकों को जानेंगे।

कैसे बनता है पर्स, दर्द की वजह

जब आप पर्स को पिछली जेब में रखे हुए, कुर्सी पर बैठते हैं तो ऐसे में वो एक पत्थर की तरह काम करता है। ऐसा लगता है जैसे आप लकड़ी के एक गुटखे पर बैठे हैं। लेकिन आप काम की व्यस्तता की वजह से इस ओर ध्यान नही दे पाते। इससे आपके बैठने का बैलेंस बिगड़ जाता है। जिससे आप अपने शरीर को आरामदायक स्थिति में नही रख पाते। इससे आपको बैक पेन और रीढ की हडडी की समस्या तो होती ही है, पैरों में भी कई तरह की समस्या पैदा हो सकतीं हैं। आप अगर पर्स को पीछली जेब में रखकर गाड़ी भी ड्राइव करते हैं तो भी वो आपके लिए खतरनाक हो सकता है।

क्या होता है पर्स पर बैठने से
इबहास अस्पताल के न्यूरोफिजियोथेरेपिस्ट डाॅक्टर अनिल सारस्वत बताते हैं, जब आप पर्स पर बैठे हैं तो समझों एक लकड़ी के टुकड़े पर बैठे हैं। इससे अपकी सीएटिक नर्व सिकुड़ जाती है। जिसकी वजह से प्रिफोर्मिंग सिड्रोम को सकता है। इससे रीढ की हडडी और कमर में कई तरह की परेशानियां पैदा हो जाती हैं। इसके अलावा आपके पैरों को जाने वाली ब्लड वैसल्स पर भी प्रभाव पड़ता है जिससे आपके पैरों में कई तरह की परेशानियां हो सकतीं हैं।

क्या करें क्या ना करें
डाॅक्टर अनिल बताते है कि कुछ लोगों में पर्स पिछली जेब में रखना एक पेशन सा बना गया है। इसी वजह से वो भूल जाते हैं कि बैठते वक्त पर्स को जेब से निकालना चाहिए। इसलिए आप जब भी बैठें पर्स को जेब से निकालकर ही बैठें।
ऐसे में हो सके तो पर्स को जेब की वजाय बैग में रखने की आदत डालें क्योंकि इससे आपका पर्स भी सुरक्षित रहेगा और आप भी सेफ रहेंगे।
अगर आप आॅफिस में चेयर पर बैठने जा रहे हैं तो बैठने से पहले पर्स को ड्रायर में रख दें।
कुछ लोग गाड़ी चलाते वक्त भी पर्स को पिछली जेब में ही रखते हैं। इसलिए गाड़ी चलाते वक्त पर्स को निकालकर ही गाड़ी ड्राइव करें।
इसके अलावा भी हमारी छोटी-छोटी आदतें कमर दर्द का सबब बन जाती हैं जैसे क्षमता से अधिक काम, गलत तरीके से उठना-बैठना, अधिक बोझ उठाना, काम करते समय घंटों पानी में भीगना वगैराह। इसलिए इनका भी खास ख्याल रखें।
अगर आप काम के साथ साथ कुछ ऐसी छोटी छोटी बातों का ध्यान रखें तो वाकई आप अपने आप को काफी हद तक कई तरह की बीमारियों से बचा सकते हैं।




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