बुधवार, 7 नवंबर 2012

क्या आपका पक्षी भी है अवसादग्रस्त है ?


अनीता सहगल मीडिया कर्मचारी हैं। जिनका ज्यादातर वक्त बाहर बीतता है, ऐसे में वो दिमागी रूप से भी काफी थक जाती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए अनीता ने एक प्यारा सा तोता अपने घर अपना दोस्त बना रखा है। जिसे बड़ा ही प्यारा नाम दे रखा है पिंटू। उन्हें घर पर तोते से बातें करना काफी पसंद है। लेकिन अचानक से उनका पिंटू सुस्त और उबासी करने लगा। बातें करतें वक्त भी वो एनर्जेटिक दिखाई नही देता। क्योंकि पिंटू नियमित तरीके से खाना खा रहा था। ऐसे में अनीता जी को कुछ भी समझ में नही आ रहा था। जब वो उसे डाॅक्टर के पास ले गईं तो डाॅक्टर ने बताया आपका पक्षी अवसादग्रस्त है। अनीता जी सोचने लगीं क्या पक्षी भी अवसादग्रस्त होते हैं। जी हां ये आपके पक्षी के साथ भी हो सकता है। इसी को जानने के लिए कि क्यों हो जाते हैं पक्षी अवसादग्रस्त हम बता रहे हैं आपको आपने एक्सपर्ट के साथ।
ये काफी हद तक संभव है कि आपका पालतू पक्षी अवसादग्रस्त हो गया है। ये पक्षियों में काॅमन बात है जिसकी काफी वजह हो सकती हैं जैसे-

भूख की कमी-
आगर आपका पक्षी सही तरह से खाना नही खा रहा है तो ऐसे मेे उसे पूरी एनर्जी नही मिल पाती जिससे शरीर में कई सारे पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इससे भी आपका पक्षी सुस्त रह सकता है।
बीट में बदलाव- अगर आपके पक्षी की बीट में बदलाव दिखाई दे रहा है तो समझ लो उसे कोई ना कोई परेशानी है। ऐसे में तुरंत डाॅक्टर के पास ले जान चाहिए।

चिड़चिड़ापन- 
अगर आपको लग रहा है कि आपका पक्षी सही तरीके से व्यवहार नही कर रहा है तो ऐसे में उसे कोई परेशानी जरूर है। इसलिए तुरंत उसकी जांच कराने की जरूरत होती है।

पंखों का टूटना- 
अक्सर आपने देखा होगा पालतू पक्षियों के पंख अचानक से टूटने लगते है। पंखों का टूटना पक्षी के शरीर में कई रसायनिक तत्वों की तरफ इशारा करता है। इसलिए जरूरी है कि आपको तुरंत अपने डाॅक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इससे आपका प्यारा पक्षी कही ना कही अवसादग्रस्त हो सकता है।

क्या करें
इनमें से कोई भी लक्षण के दिखाई देने पर आप तुरंत अपने एवियन वैट चिकित्सक से फुल चैकअप का एपोंईटमेंट लें। अगर आपका डाॅक्टर पक्षी के अवसादग्रस्त होने का कोई भी चिकित्सकीय कारण बताता है तो तुरंत डाॅक्टर के बताये अनुसार अपने पक्षी का ध्यान रखें।
सबसे पहले ये देखें कि आपके पक्षी के रहने की जगह स्वच्छ और आरामदायक है। अधिकतर ऐसा होता है कि पक्षी अपने रहने की जगह के साफ ना होने की वजह से भी अवसादग्रस्त हो जाता है। ऐसे में ध्यान रहे कि नियमित तौर पर पिंजरे की सफाई की जाये। आप पिंजरे को एक ही जहग ना रहने दें। आपने अनुसार पिेंजरे की जगह को बदलते रहें।
आपको पता है अगर आपके पक्षी को खेलने कूदने के साथ पर्याप्त उत्तेजना ना मिले तो वो अवसादग्रस्त हो सकता है। इसलिए सुनिश्चित करें कि वो पूरे मजे में रहे और खेलने कूदने के उसे पर्याप्त खिलौने मिलें जिससे वो हर पल का पूरा आनंद ले सके। उसे पर्याप्त समय के लिए पिंजरे से बाहर निकाले जिससे वो हमेशा एनर्जेटिक बना रहेगा।
सुनिश्चित करें कि आपका पक्षी परिवार के साथ खेले। परिवार के सदस्य बारी बारी से उसके साथ पर्याप्त समय बितायें। इससे उसे पिंजरे से बाहर निकलने का भी पूरा वक्त मिल जायेगा और उसके व्यायाम भी हो जायेंगे।
अगर आप स्टोरी में बताई गई बातों पर ध्यान देंगे तो आप आपने पक्षी को अवसादग्रस्त होने से बचा सकते हैं।

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