मंगलवार, 2 अक्तूबर 2012

बदलता मौसम और चिकनगुनिया ?




मौसम में कई तरह के बदलाव होने लगे हैं। ऐसे में हमारा शरीर भी बदलावों की एक श्रृंखला से गुजरता है। इस बदलते मौसम में जिन लोगों की इम्यूनिटी यानि रोगों से लड़ने की क्षमता मजबूत होती है वो तो अपने आप को बदलते मौसम के अनुसार ढाल लेते हैं। लेकिन कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों कोेेेे बदलते मौसम के साथ कई तरह के वायरल फीबर्स से लड़ना होता है। इन्हीं में से चिकनगुनिया एक प्रमुख वायरल फीवर है, जो कभी-कभी महामारी का रूप भी ले लेता है और सावधानी न दिखाने पर एक पूरी क्षेत्र को अपनी गिरफत में ले लेता है। तो इसी को जानने के लिए कि कैसे चिकनगुनिया अपना प्रभाव बढ़ाता है और कैसे इससे बचा जा सकता है पढि़ए नीचे स्टोरी में।

चिकनगुनिया क्या है ?

चिकनगुनिया बुखार एक वायरस बुखार है। ये एडीज मच्छर एइजिप्टी जो दिन के समय काटते हैं, उनके कारण होता है। इस रोग के लक्षण डेंगू बुखार के समान होते हैं। जोड़ों के दर्द या गठिया के साथ साथ बुखार एवं त्वचा में खुश्की पैदा होती है।
इस बुखार का नाम चिकनगुनिया स्वाहिली भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ है जो ऊपर की और झुकता है। ऐसा इसका नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इस रोग में जोड़ों के दर्द से रोगी झुकी हुई मुद्रा में ज्यादातर रहता है। इस रोग का संक्रमण अफ्रीका, भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया, विशेष रूप से फिलीपींस, थाईलैंड, कंबोडिया, वियतनाम, मारीशस और श्रीलंका में पाया जाता है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

इबहास अस्पताल नई दिल्ली के मेडिसिन स्पेश्लिस्ट डाॅ अंकुर जैन कहते हैं कि इसके लिए हैल्दी और फिट रहना चाहिए।इसके लिए आपको व्यायाम, एक्सरसाइज योगा आदि करने के साथ ही हेल्दी डाइट लेनी चहिए। लेकिन जब प्रकोप किसी महामारी का हो तो ऐसे मौकों पर अतिरिक्त सतर्क रहने और देखभाल करने की जरूरत होती है।

चिकनगुनिया के लक्षण
चिकनगुनिया बुखार के लक्षण आम तौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के 2-4 दिनों के बाद उभरना शुरू करते हैं। चिकनगुनिया बुखार के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं।

जोड़ों में दर्द शरीर में वायरस के पूरी तरह से आक्रमण करने पर शुरू हो जाता है। धब्बेदार या मकुलोपापुलर  दाने आमतौर पर बीमारी के 2 और 5 दिन के बीच देखा जाता है। यह ज्यादातर धड़ और अन्य अंगों पर होते है।  कुछ रोगियों को नेत्रश्लेष्मलाशोथ या आँख का संक्रमण हो सकता है और साथ में आँखों में थोडा बहुत खून का रिसाव भी हो सकता है।

भ्रम चिकनगुनिया का
वैसे क्षेत्रों में जहां दोनों बीमारियाँ एक साथ फैली होती हैं, कई बार चिकनगुनिया बुखार को डेंगू समझ लिया जाता है।
चिकनगुनिया बुखार और कुछ रोग जो लोगों को भ्रमित करते हैं वे विभिन्न रक्तस्रावी वायरल बुखार या मलेरिया जैसे रोग हैं।

क्या है परीक्षण
चिकनगुनिया बुखार का निदान, सीरम वैज्ञानिक परीक्षण के आधार पर किया जाता है। अप्रत्यक्ष ईम्युनोफ्लुरोसेन्स एक नए तरह का परीक्षण है जिसे चिकनगुनिया बुखार का निदान करने में प्रयोग किया जाता है।

क्या है बचाव
चिकनगुनिया वायरल भी महामारी का रूप लेता जा रहा है। डॉक्टर इससे बचने के तरह-तरह के उपाय खोज रहे हैं लेकिन भारतीय चिकित्सा में इसका अभी तक कोई ठोस इलाज उपलब्ध नहीं है। ऐसे में डॉक्टर्स सभी को जागरूक होने और स्वयं सतर्क रहने की लगातार सलाह दे रहे हैं। लेकिन बात हो जब चिकित्सा के सुरक्षित उपायों की, तो डाॅ. जैन बताते हैं कि, सदियों से अपनाये जा रहे घरेलू नुस्खों पर हम आसानी से विश्वास कर सकते हैं। कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर चिकनगुनिया, जैसी महामारी से निजात पाया जा सकता है।

    ऐसे में अधिक से अधिक पानी पीएं, हो सके तो गुनगुना पानी भी ले सकते हैं।
    ज्यादा से ज्यादा आराम करें।
    चिकनगुनिया के दौरान जोड़ों में बहुत दर्द होता है जिसके लिए डाॅक्टर की सलाह पर दर्द निवारक, बुखार रोधी दवाएं ली जा सकती हैं।
    शोधों के मुताबिक चॉकलेट चिकनगुनिया को दूर करने में लाभदयक होती है। चिकनगुनिया वायरल के दौरान दिन में 3-4 बार चॉकलेट खानी चाहिए।
    पानी के साथ ही जूस और तरह पदार्थो को खूब लेना चाहिए।
    दूध से बने उत्पाद, दूध-दही या अन्य। चीजों का सेवन भी खूब करना चाहिए।
    नीम के पत्तों को पीस कर उसका रस निकालकर चिकनगुनिया से ग्रसित व्यक्ति को दें।
    संक्रमित व्यक्ति बहुत ज्यादा लोगों से न मिलते हुए अपनी देखभाल और साफ-सफाई पर खास ध्यान रखे।
    करेला, पपीता इत्यातदि के साथ फलों को अधिक से अधिक खाना चाहिए।
अगर आप स्टोरी में बताई गई बातों पर ध्यान देंगे तो चिकनगुनिया  जैसी
बीमारी से आसानी से निपट सकते हैं।

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