चक्कर आना या सिर घूमना एक सामान्य समस्या है। यह स्वय में एक बीमारी भी है और अनेक बीमारियों का एक लक्षण भी।
कारण
चक्कर आने के कारणों को प्रमुख रूप से तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है
कान की बीमारिया
ये चक्कर आने का सबसे प्रमुख कारण होती हैं। वास्तव में कान का सबसे अंदर वाला भाग हमारे शरीर की स्थिति को सामान्य बनाये रखने में सहायक होता है। इस भाग की बीमारियों का प्रमुख लक्षण चक्कर आना होता है। बीपीपीवी बेनाइन पैरॉक्सिसमल पोजीशनल वर्टिगो, लैबिरिन्थाइटिस, वेस्टीबुलर न्यूरोनाइटिस और मेनियर्स डिजीज कान के इसी भाग की होने वाली प्रमुख बीमारिया हैं।
कान की बीमारियों के अतिरिक्त दिमाग की बीमारियों से भी चक्कर आ सकते हैं। सीटी स्कैन और एम.आर.आई. से दिमाग की इन बीमारियों की जाच की जा सकती है।
इसके अलावा रक्तचाप में परिवर्तन, स्पॉन्डिलोसिस, शरीर में खून की कमी, रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बहुत बढ़ने या कम होने और अत्यधिक शारीरिक व मानसिक तनाव से भी मरीज को चक्कर जैसी स्थिति का अनुभव हो सकता है।
क्या करें
चक्कर आने पर ऐसे कार्य न करें जिनमें गिरने या चोट लगने का खतरा हो। जैसे वाहन या गाड़ी न चलाएं सड़क पार करना या सीढ़ी पर चढ़ना।
रोगी की देखभाल के लिये एक व्यक्ति अवश्य होना चाहिए।
चूंकि कान की बीमारियां चक्कर आने की प्रमुख वजह होती हैं। इसलिए नाक, कान, गला विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। ई.एन.टी सर्जन द्वारा सुझाए गये कुछ विशेष तरीकों से चक्कर की बीमारियों में कुछ दिनों में पूरी तरह से आराम मिल जाता है। इसके अतिरिक्त उचित दवाओं व कुछ विशेष व्यायामों से इन रोगों पर पूर्णतया नियत्रण सभव है।
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