सोमवार, 29 अक्तूबर 2012

जब त्वचा जल जाये पटाखों से तो क्या करें ?


दीपावली यानी कि रंग-बिरंगी रोशनी व धूमधड़ाके का त्योहार। इसे पूर्ण उल्लास के साथ मनाएं मगर आवश्यक है तो सावधानी की। बच्चों को पटाखे से दूर रखें। बड़ों के सानिध्य में ही बच्चे पटाखे छुड़ाएं। इस दौरान आंखों में काला चश्मा व सूती वस्त्र का उपयोग करना बेहतर होगा। यदि फिर भी पटाखे छुड़ाने के दौरान असावधानी से त्वचा जल जाए या फिर आंखों में चिंगारी व बारुद का असर आ ही जाय तो क्या करें और क्या न करें इस पर हम बता रहे हैं आपकों  विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ।

जिला अस्पताल मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. टीके अग्रवाल कहते हैं कि पटाखे से उत्पन्न आवाज व उससे निकली बारुद शरीर व वातावरण दोनों के लिए घातक है। जहां तक हो सके इससे दूर ही रहे। यदि छुड़ा ही रहे हैं तो सावधान रहें। फिर भी यदि पटाखे छुड़ाने के दौरान त्वचा जल जाए तो त्वरित उपचार का प्रयास करें, जिससे निचली परत पर असर न पड़े। मरीज को आराम पहुंचे इसके लिए पेन किलर व एंटीबायोटिकश् दवाएं दें।
फिजीशियन डॉ. अजय सिंह के मुताबिक जले हुए स्थान को स्वच्छ व शीतल जल से धीरे-धीरे धुलें। संभव हो तो सिल्वरेक्स या बरनाल का लेप लगाएं। सोफरामाइसिन भी कारगर है। इसके उपरांत मरीज को निकटवर्ती चिकित्सक को दिखलाएं और उन्हीं की सलाह पर दवाओं का सेवन करें।

सुप्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. नैय्यर रजा जैदी कहते हैं कि इस पद्धति में इसके कारगर इलाज है। जले हुए स्थान को शीघ्र शीतलता देने के लिए कैंथेरिस दवा का लेप लगाएं। मरीज को शीघ्र लाभ हों, इसके लिए रस्टास या फिर बेलाडेाना की खुराक दें। वैद्य राधेरमण मिश्र के मुताबिक आयुर्वेद पद्धति से जले हुए स्थान का इलाज करने पर शीघ्र लाभ होता है। इसके लिए तमाम दवाइयां उपलब्ध हैं, जो कि पटाखों की दुकान पर भी मिल सकती हैं। पटाखे के साथ दवाइयों की खरीदारी जरूर करें। आंखों में इसका असर आने पर नेत्रबिंद, नयन सुधर रंजन दवाओं का प्रयोग करें। जिला अस्पताल के नेत्र परीक्षण अधिकारी डॉ. जेबी बौद्ध कहते हैं कि यदि आंखों में बारुद या चिंगारी का असर आ जाय तो साधारण एंटीबायोटिक दवा कारगर हैं। शीघ्र ही चिकित्सक से संपर्क करें।

जलने पर ये हैं घरेलू नुस्खे

जले हुए स्थान की स्वच्छ व शीतल जल से धीरे-धीरे धुलाई करें।
जले हुए स्थान पर आलू पीसकर लेप लगाएं, शीतलता महसूस होगी।
कपड़े की थैली में बर्फ रखकर जले हुए स्थान की सेंकाई करें।
गाय के घी का लेपन करें।
पीतल की थाली में सरसों का तेल व पानी को नीम की छाल के मिश्रण का मरहम बनाकर जले हुए स्थान पर लगाएं, शीघ्र लाभ मिलेगा।
काला चश्मा पहन कर पटाखा छुड़ाएं।
बारुद का असर आने पर आंख को कतई न रगड़ें।
केवड़ा जल से धुलाई करें।
मां या गाय के दूध की दो-दो बूंदे आंखों में डालें।
नीम की छाल व गुलाब जल मिलाकर आंजन तैयार कर आंखों में लगाएं।
अगर दीपावली के मौके पर पटाखों की वजह से कोई अप्रिय घटना घट जाती है तो ऐसे में आपको स्टोरी में बताए गए नुस्खे काफी हद तक आपके काम आ सकते हैं।

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