गुरुवार, 27 सितंबर 2012

इतना लाभकारी है रेशेदार भोजन




 
पेट भरने के लिए खाना तो सब खाते हैं। लेकिन हम अक्सर ये भूल जाते हैं कि हमारे स्वास्थ्य के लिए क्या फायदेमंद है और क्या नुकसानदायक। इसलिए प्रोटीन, वसा, विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों के बीच रेशेदार भोजन की अपनी अलग महत्ता है। स्पंज की तरह काम करते हुए फाइबर प्राकृतिक तरीके से शरीर की सफाई करने में मदद करता है। फाइबर के लाभ और उनसे जुड़े दावों के बारे में बता रहे हैं राजेश राना अपने विशेषज्ञों से बात करके।

अपोलो अस्पताल नई दिल्ली की सीनियर डायटीशियन डाॅ. दीपिका अग्रवाल के अनुसार रेशा पौधों से मिलने वाला वह भाग है, जिसे मानव शरीर में मौजूद एंजाइम पचा नहीं पाते। शरीर में पहुंच कर यह रेशा नमी को ग्रहण कर अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकलने में मदद करता है। दिनभर में 30 ग्राम फाइबर का सेवन उपयुक्त होता है।

क्या हैं फाइबर
फाइबर को सॉल्युबल और इन्सॉल्युबल दो भागों में बांटा जाता है।
इनसॉल्युबल फाइबर साबुत अनाज व उससे बने पदार्थों बीज, ताजे फल व सब्जियों में इसकी अधिकता होती है। इससे खाद्य पदार्थ पचाने में आसानी होती है, जिससे आंतों पर कम दबाव पड़ता है और कब्ज नहीं होता।

सॉल्युबल फाइबर पानी में घुलनशील ये फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कम रखने में विशेष उपयोगी होते हैं। जई की भूसी और सूखे बींस में इसकी अधिकता होती है। इससे पेट से भोजन धीरे-धीरे आगे मूव करता है और ब्लड शुगर का स्तर स्थिर रखने में मदद मिलती है।

फाइबर के लाभ

फाइबर के नियमित भोजन में प्रयोग करने से पाचन क्रिया मजबूत बनी रहती है। अपशिष्ट पदार्थ देर तक आंतों में जमा रहकर टॉक्सिन नहीं फैलाते। जिससे संक्रमण का खतरा कम होता है। कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है व हृदय रोगों में लाभ मिलता है। मलाशय के कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। अगर आपका वजन ज्यादा है तो फाइबर युक्त भोजन वजन कम करने में मदद करता है।

यूं बढ़ाएं फाइबर की मात्रा
ब्रेकफास्ट में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं। होलग्रेन ब्रेड टोस्ट, ताजे फल व फाइबरयुक्त पदार्थ जैसे दलिया व भूसी मिलाएं। फलों के ऊपरी हिस्से, बीज और गूदे में फाइबर सबसे अधिक होता है। चोकर सहित रोटी बनाएं। सलाद, कॉर्नफ्लेक्स, पोहा, चपाती, उपमा, ज्वार और जौ का सेवन करें। खाने में बादाम और अंकुरित भोजन की मात्रा बढ़ाएं। डाइट में फाइबर के साथ पानी की मात्रा भी बढ़ाएं।

कुछ सब्जियों और फलों के छिलके में अधिक फाइबर होता है। जरूरी है कि आप छिलके सहित फल खाएं और फलों को अच्छी तरह धो लें। बीजों में भी फाइबर होता है, उदाहरण के तौर पर टमाटर से बीज निकाल देने से उनमें फाइबर की मात्र कम हो जाती है।

इनसे पाएं नेचुरल फाइबर
बींस में सबसे अधिक फाइबर पाया जाता है। एक कप राजमा व लोबिया में 15 ग्राम से अधिक फाइबर मिलता है। इसी तरह दाल विशेषकर मसूर की दाल में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है। सब्जियों में मटर में सबसे अधिक फाइबर होता है।

हरी पत्तेदार सब्जियां व फल
हरी पत्तेदार सब्जियों में लोह तत्व, बेटा केरोटीन और फाइबर अच्छी मात्रा में  पाए जाते हैं। एक कप उबली हुई हरी सब्जियां जैसे पालक, पत्तेदार शलजम और चुकंदर में 4 से 5 ग्राम फाइबर मिलता है। इसी तरह नाशपाती और सेब से भी फाइबर मिलता है। एक बड़े सेब से जहां 3.3 ग्राम फाइबर मिलता है, वहीं मध्यम आकार की नाशपाति से 5.1 ग्राम फाइबर मिल जाता है।

मेवा
बादाम, पिस्ता और अखरोट में केवल प्रोटीन ही नहीं होता, उसमें फाइबर भी प्रचुर पाया जाता है। किशमिश में सॉल्यूबल और नॉन सॉल्यूबल दोनों तरह के फाइबर होते हैं। किशमिश से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है।

रागी
रागी में सेल्युलॉस होता है, जो कि एक तरह का फाइबर है। रागी का नियमित सेवन कब्ज को दूर रखता है। इसके अलावा रागी में कैल्शियम, लोहा और प्रोटीन भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। रागी का सेवन मधुमेह और मोटापे के शिकार लोगों के लिए भी फायदेमंद रहता है, क्योंकि इसका पाचन धीरे-धीरे होता है, जिससे रक्त में ग्लूकोज का स्राव धीमा हो जाता है।

जई
ओट्स में आहारक फाइबर पर्याप्त मात्रा में होते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें आयरन, प्रोटीन और विटामिन बी 1 भी होता है। जई में वसा कम होती है, इससे शरीर में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को घटाने में मदद मिलती है। इससे कार्डियोवस्कुलर रोगों को कम करने में मदद मिलती है।
अगर आप भी रेशेदार भोजन को अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं।

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