बुधवार, 19 सितंबर 2012

व्यायाम, दिल को दें आराम



व्यायाम हमें शारीरिक रूप से तो फिट रखते ही हैं, मानसिक तौर पर भी रिलैक्स रहने में सहयोग करते हैं। इतना ही नहीं, व्यायाम दिल की सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होते हैं। आइए जानें कुछ ऐसे व्यायाम के बारे में।
आप कौन सा व्यायाम कब करें, इसका भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
सामान्य रूप से 20 से 30 मिनट तक हाथ पांव फेंकने, मोड़ने, कूदने के व्यायाम सप्ताह में चार पांच दिन करने चाहिए। यह व्यायाम कितनी देर तथा कितनी तेजी से करें, यह आप अपनी अवस्था के अनुसार तय करे। इससे हृदय की हालत ठीक रहती है। हर व्यक्ति को अपनी उम्र, अपने स्वास्थ्य की हालत तथा पहले हुई बीमारियों को ध्यान में रखकर व्यायाम का निर्णय करना चाहिए।
सुबह शाम टहलना, तेजी से चलना, साइकिल चलाना और तैरना अपने आप में संपूर्ण व्यायाम हैं और ये सभी के लिए अच्छे रहते हैं।
दौड़ना और टेनिस खेलना युवकों के लिए तथा शारीरिक रूप से स्वस्थ उम्रदराज लोगों के लिए ठीक है।
तेज चलने की अपेक्षा मंद दौड़ने का कोई विशेष लाभ नहीं है। इससे घुटनों में जकड़न और महिला के मासिक धर्म की व्यवस्था में गड़बड़ी होने की आशंका होती है।
रस्सी कूदना अच्छा व्यायाम है लेकिन इसको पुट्ठों, घुटनों तथा पैरों पर विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है।
हृदय और फेफड़ों को ठीक रखने के लिए तैराकी बहुत बढिया व्यायाम है। 100 गज तैरना, 400 गज की जॉगिंग से अधिक लाभप्रद है। तैरने से पेशियां भी ठीक रहती हैं और गहरी श्वास लेने से शक्ति बढ़ती है।
वीडियो टेप चलाकर नृत्य करना भी अच्छा व्यायाम है। बीस मिनट में शरीर की फालतू कैलोरी जलने के साथ ही रक्त संचार भी सुधरता है।
योगासन भी उत्तम व्यायाम है जिससे मांसपेशियों को बल मिलता है। इसमें झुकने तथा मुड़ने से आंतरिक मालिश होती है जिससे शरीर के प्रमुख अंगों का सुधार होता है। इनसे मन को भी शांति प्राप्त होती है।
फुरसत के समय में बागवानी, पदयात्रा, काम के समय चलना, जीने पर चढ़ना.उतरना सहायक व्यायाम हैं, लेकिन ये नियमित व्यायाम का स्थान नहीं लेते।
यदि आप नियमित व्यायाम नहीं करते तो अपने डॉक्टर से कहिए कि वह अपने लिए व्यायाम का कार्यक्रम बना दें।
ध्यान रहे दिल की बीमारी में बिना डाॅक्टर की सलाह के व्यायाम ना करें ।

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