रविवार, 2 सितंबर 2012

फूड जो रखे दिल की सेहत का ख्याल



आजकल लोगों में दिल की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। अक्सर इसे पहचानने में देरी हो जाती है। ऐसे में आपको गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जरा सी भी मेहनत करने पर साँस फूलने लगे, पसीना आ जाए, सीढि़याँ चढ़ते समय दम भर जाए तो समझो दिल कमजोर है। जिसकी सीधी वजह होती है सही खान-पान और अच्छी जीवन शैली का ना होना। बाद में डाक्टर के चक्कर लगाने से तो बेहतर है थोड़ी सी सावधानी बर्ती जाये। तो आइए जाने दिल को तंदरूस्त रखनें और दिल की कमजोरी दूर करने हेतु कुछ हेल्दी फूड।

बादाम खाइए, हृदय रोग का खतरा घटायें
हृदय रोग का मुख्य कारण मोटापा, उच्च रक्तचाप और उच्च रक्त शर्करा है। जो लोग हफ्ते में पांच बार बादाम खाते हैं, उनमें हार्ट अटैक की संभावना 50 फीसदी तक कम हो सकती है। बादाम में मौजूद विटामिन ई की प्रचुर मात्रा एंटीऑक्सीडेंट का काम करती है और ह्दय रोग का खतरा कम करती है। हृदय रोग की सबसे बड़ी वजह है कोलेस्ट्रोल। बादाम में विटमिन ई व कैल्शियम काफी मात्रा में पाया जाता है जिससे कोलेस्ट्रोल कम होता है। बादाम में अत्यधिक फाइबर, प्रोटीन और अच्छा फैट होता है, जो भूख मिटा देता है। जिससे मोटापे का खतरा कम हो जाता है। बादाम में पोटैशियम ज्यादा मात्रा में पाया जाता है और सोडियम कम मात्रा में होता है, जिससे आपका रक्तचाप नियंत्रित रहता है।

दिल को दुरुस्त रखने में मददगार है अलसी
अलसी में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड रक्त नलिकाओं में वसा के जमाव को रोकता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड हमारे शरीर में नहीं बनता है इसे भोजन के ही द्वारा ग्रहण करना होता है। शाकाहारियों के लिए अलसी ओमेगा-3 एसिड का सबसे अच्छा स्रोत है। अलसी के बीज रक्त में अच्छे कोलेस्ट्रोल की मात्रा को बढ़ाते है और खराब कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करते है। अलसी के बीज के लगातार सेवन से दिल की धमनियों में ब्लड क्लॉट की समस्या नहीं होती है। जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम रहता है ।

जई का आटा
जई के आटे में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। ये फाइबरयुक्त सुपर फूड है जो एलडीएल कोलेस्ट्रोल के लेवल को कम करता है जोकि दिल के दौरे के अवसर को बढ़ाता है। जई के आटे में आट्र्री को साफ करने का भी गुण होता है जिससे ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहता है।

सेलमोन फिश दिल की दवा
हर्ट रोग विशेषज्ञ और लोअर फाॅर ब्लडप्रैशर इन ऐट वीक बुक के लेखक डाॅ. स्टीफेंन टी. सिंतारा बताते है कि सेलमोन में कार्टिनाॅइड एस्टाजेंथिन होता है जो पाॅवरफुल एंटी आॅक्सीडेंट हैं। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। ये बीपी को कम करने के साथ दिल के दौरे के रिस्क को वनथर्ड तक कम करता है। डाॅ. सिंतारा बताते है कि ये जरूरी नही कि सेलेमोन में ही ये गुण हांे इसके अलावा भी दूसरी फिश जैसे मेंकरल, टयूना और हिपरिंग में भी ये तत्व पाये जाते हैं। इसके अलावा आप डाॅक्टर की सलाह पर फिश आॅयल के कैप्श्यूल का भी प्रयोग कर सकते हैं।

एवोकेडो
डाॅ. सिंतारा बताते है कि एवोकेडो में मोनोसेचुरेटिड फैट होता जो खराब एलडीएल कोलेस्ट्रोल के लेवल को कम करता है और सही एचडीएल कोलेस्ट्रोल के लेवल को बढ़ाता है जिससे दिल के दौरे का खतरा कम होता है।

बेरी
ब्लूबेरी, स्ट्राॅबेरी जो भी आप पसंद करते हो, ये सब आपके दिल के लिए काफी फायदेमंद हैं। बेरी एक अच्छी इंफलेमेंट्री होती हैं जो दिल की बीमारी और कैंसर के रिस्क को कम करती हैं।

फलियां
बीन या दूसरी सभी हरी फलियां दिल के साथ सेहत के लिए बहुत जरूरी होती हैं। इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, कैल्सियम और खूब फाइबर होते हैं जो दिल की सेहत के लिए बहुत ही लाभकारी होते हैं।

पालक
पालक में ल्यूटिन, फोलेट, पोटेशियम और फाइबर होते हैं। पंद्रह हजार लोगों पर की गई स्टडी में सामने आया कि जो लोग दिन में एक से दो बार हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करते हैं उनमें दिल की बीमारी का रिस्क 25 प्रतिशत तक कम हो जाता है। क्योंकि इनमें वो सभी एंटीआॅक्सीडेंट होते है जो आपको दिल की बीमारी के साथ षरीर के दूसरे रोगों से लड़ने में भी सहायक है।

सोय
सोय में कोलेस्ट्रोल कम करने का गुण होता है। ये हैल्दी हर्ट डाईट के लिए लीन प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत होता है। दिल के लिए सोय के प्राकृतिक सोर्स का प्रयोग करना ज्यादा लाभकारी होता है।
 
ये भी अपनायें
लौकी उबालकर उसमें धनिया, जीरा व हल्दी का चूर्ण तथा हरा धनिया डालकर कुछ देर और पकाएँ। युवावस्था में कमजोर दिल के रोगी को इसका नियमित सेवन करने से लाभ होता है और दिल को शक्ति मिलती है।
अगर आपको उच्च रक्तचाप की समस्या है, तो मौसमी फल व सब्जियों का सेवन करें।
अनार से नये सेल्स का निर्माण होता है और हृदय की बीमारियों से बचने के लिए भी यह अच्छा  है।
प्याज के सेवन से रक्त में कोलेस्ट्राल का स्तर ठीक रहता है और आॅक्सिडेशन की प्रक्रिया ठीक से होती है।
उच्च रक्तरचाप नियंत्रित रखने के लिए संतरे के जूस को नारियल के पानी में मिला कर दिन में दो से तीन बार लें।
रक्तचाप बढ़ रहा है, तो नीबू पानी पीयें। एक गिलास पानी में आधे नीबू को निचोड़ कर इसे हर दो घंटे पर पीयें।
एक बड़े चम्मच से ताजा आंवले के रस और शहद का मिश्रण बनाकर इनका सेवन करें।
अब अपनी समस्याओं का ईलाज आप अपने घर पर ही कर सकते हैं, लेकिन अपनी स्थितियों की गंभीरता को समझते हुए चिकित्सक के पास जाना ना भूलें।


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