आंत के दांत नहीं होते
गर्मियों के मौसम में वैसे भी लोग ज्यादा बीमार पड़ते हैं, कभी सोचा है आपने इसकी वजह क्या है। अब सोचने का समय किसके पास होता है। जैसा मन किया वैसा खाया, पेट खराब हुआ तो डाॅक्टर के पास जाने के अलावा कोई चारा नहीं? लेकिन गर्मियों में कभी भी हम खाने पर ध्यान नही देते जिसकी वजह से कई बीमारियां शरीर में अपना घर बना लेती हैं और आप बन जाते है जाने अनजाने में कई खतरनाक बीमारियों के मरीज। आपको पता है दुनियां की ज्यादातर बीमारियां पेट की खराबी से ही होती हैं। तो आइए जाने कैसे रखें पेट को स्वस्थ और कैसे बचें भविष्य में होने वाली बीमारियों से-ंउचय
क्या होता है पेट में खाना खाने के बाद
आंतों की गतिशीलता कम होना या पाचन शक्ति कम होने से खाना सही
पेट की बीमारियों के लक्षण
गैस बनना, पेट में हवा भरना, पेट में दर्द या भारीपन, सिरदर्द, भूख में कमी, जीभ पर अन्न कणों का जमा होना या मुंह का स्वाद बिगड़ना। चक्कर आना, टांगों में दर्द होना, बुखार, नींद-ंउचयसी छाई रहना और धड़कन का ब-सजय़ जाना।
कैसे ब-सजय़ता है पेट की बीमारियों का खतरा
मानसिक तनावः
मानसिक तनाव भी आपको कब्ज का मरीज बना सकता है। क्योंकि ऐसे में हमारी अंदरूनी क्रियाओं पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है। जिससे भोजन को पचाने वाले तत्व सही तरह से काम नही कर पाते।
तला-ंउचयभुना, मसालेदार भोजन का लालचः
ज्यादा तला-ंउचयभूना भोजन खाना भी पेट की बीमारियों का कारण बन जाता है। क्योंकि भोजन में उपस्थित अत्यधिक मसाले भोजन को पचाने वाले केमिकल को डिस्टर्ब कर सकते हैं।
एलोपैथिक दवाओं का ज्यादा सेवन करनाः
आपकी आदत है थोड़े से परेशान हुए और शुरू कर दीं एलोपेथिक दवाईंयां लेनी और कभी-ंउचय कभी तो खुद ही अपने डाॅक्टर बन जाते हैं, खासकरके दर्द की कंडीशन में। लेकिन आपको पता है ये दर्दनिवारक गोलियां आपके किडनी,स्टमक, लीवर और इंटेस्टाइन सभी पर बुरा प्रभाव डालतीं हैं।
खाने का समय नियमित न होनाः
सुबह नाश्ता नही किया। भागते-ंउचयदौड़ते रोड किनारे से कुछ खरीदा और जल्दी-ंउचयजल्दी खा लिया। आॅफिस के काम से लॅच करने में देरी हो गई। डिनर का कोई टाइम नही, किया भी तो बिस्तर पर ही और सो गये तुरंत।
टाॅइलेट जाने को भी टालते रहनाः
टॉइलेट जाने की जरूरत महसूस होने पर भी तमाम वजहों से उसे टालते रहना, होता है ना ऐसा? लेकिन आप भूल जाते हैं, ये आपके पेट के लिए कितना खतरनाक हो सकता है।
स्मोंकिंगः
स्मोकिंग या तंबाकू के दूसरे तरीकों से सेवन के कारण। नशीली दवाओं के सेवन से।
कोल्ड ड्रिंक या शराब जरूरत से ज्यादा पीने की वजह से पेट की कई परेशानियां हो जाती है।
जितनी भूख लगी है, उससे कम या ज्यादा खाना खानाः
कभी तो आप टेस्ट-ंउचयटेस्ट में ज्यादा खाना खा लेते हैं तो कभी पूरा खाना ही नहीं खाते ऐसे में आपके शरीर का पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है।
दूसरी बीमारियांः
कई ऐसी बमारियां हैं, जिनकी वजह से कब्ज की बीमारी हो जाती है। मसलन रसौली आंत में गांठ की बीमारी की वजह से कब्ज हो जाता है। इसी तरह किसी वजह से आंत में रुकावट आने की वजह से भी कब्ज हो जाता है। ऐसे मामलों में डॉक्टर से सलाह करें। ज्यादातर मामलों में ऑपरेशन किया जाता है। इन सबकी वजह से सबसे पहले शुरू होता है पेट में दर्द-ंउचय
पेट में दर्द की वजहः
पेट में ऊंपर की तरफ दर्द सामान्यतः गैस्ट्राइटिस, लीवर में खराबी, आमाशय में छेद होने होने के कारण होता है।
पित्त की थैली में पथरी होने पर आमतौर पर पेट के दाएं तरफ दर्द होता है।
पेट के बीचोबीच दर्द का कारण अकसर पैन्क्रियाज की खराबी होता है।
पेट के निचले भाग में दर्द एपेन्डिसाइटिस, मूत्राशय में पथरी या संक्रमण के कारण होता है, लेकिन महिलाओं में पेट के निचले हिस्से में दर्द के कई कारण हो सकते हैं जैसे गर्भाशय में किसी तरह की खराबी, फाइब्रायड, एंड्रीयोमेट्रीयोसिस, माहवारी या कोई अन्य बीमारी ।
पेट के एक तरफ दर्द का कारण गुर्दे में पथरी या गुर्दे की अन्य कोई बीमारी हो सकती है।
जरूरी नहीं कि दर्द इन्हीं बीमारियों के कारण ही हो कई बार ओवरईटिंग करने, गलत खान-ंउचयपान या कब्ज होने के कारण भी हो सकता है।
एसीडिटी या अल्सर की शिकायत होने पर पेट के बीचोबीच अधिक दर्द होता है।
यदि आंतों में सूजन होती है तो लगभग पूरे पेट में ही दर्द होता है।
इन बीमारियों या दर्द के चलते यदि पेट दर्द का इलाज सही समय पर न करवाया जाए तो यही बीमारियां स्वास्थ्य के लिए बड़ी समस्या बन सकती है।
पेट दर्द के लिए अल्ट्रासाउंड, एंडोस्कोपी, एक्सरे, सीटी स्कैन और रक्त की जांच कराई जाती हैं जिससे सही समय पर सही इलाज दिया जा सकें।
आप कितने ही व्यस्त क्यों ना हो, लेकिन अपने आप का ध्यान नहीं रख पा रहे हैं, तो आपके लिए इससे खराब कुछ नही हो सकता। तो ध्यान दीजिए खुद के लिए, स्टोरी में बताई कुछ बातों पर, और बचाइए अपने आप को बीमारियों का घर बनने से।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें