गुरुवार, 10 मई 2012

जब जाए बच्चा पहली बार स्कूल


अगर आपका बच्चा पहली बार स्कूल जा रहा है, तो ज्यादा हाय-तौबा न मचाएं। बस कुछ बातों का ध्यान रखें , ताकि उसे स्कूल में कोई दिक्कत न आए :




आपके बच्चे का नर्सरी क्लास में एडमिशन हो गया है, तो लाजिमी है कि इन दिनों आप लगातार इसी फिक्र में घुल रहे होंगे। सोच रहे होंगे कि बच्चे को क्या पहनाएं, किस तरह का बैग लें, हेयर कटिंग कैसी हो, टिफिन में क्या भेजें वगैरह। ऐसी कशमकश उन पैरंट्स में ज्यादा देखने को मिलती है, जो पहली बार बच्चे को स्कूल भेज रहे होते हैं। आखिर हो भी क्यों न, उनका भी तो यह फर्स्ट एक्सपीरियंस होता है, जिससे वह कई चीजों को लेकर कन्फ्यूजन में रहते हैं।


चाइल्ड स्पेशलिस्ट राहुल रंजन कहते हैं कि पहले बच्चे के दौरान पैंरट्स इस प्रेशर में रहते हैं कि क्या करना ठीक रहेगा और क्या नहीं। बच्चे को स्कूल में कोई दिक्कत न आए, वह क्लास में किसी वजह से दूसरे बच्चों से पीछे न रहे, यह प्रेशर उनको ओवर कॉन्शस रखता है। इसके चलते वे बच्चे को लेकर कभी- कभार ओवर प्रोटेक्टिव भी हो जाते हैं।


अभी हाल ही में अपने बच्चे को एमिटी स्कूल में एडमिशन दिला चुकी निखार कहती हैं, काफी एक्साइटमेंट भरा होता है बच्चे के स्कूल का पहला दिन। इसके लिए मैंने काफी नेट सर्च भी किया है। दूसरे पैरंट्स से बात की है, वे अपने बच्चे के लिए क्या कर रहे हैं। इसके बाद ही उसके स्कूल की चीजों की शॉपिंग की।




अगर आपका बच्चा भी पहली बार स्कूल जा रहा है, तो परेशान न हों, बस रखें कुछ बातों का ध्यान :


- अगर स्कूल यनिफॉर्म है, फिर तो कोई झंझट नहीं। अगर नहीं है, तो रोजाना साफ- सुथरी ड्रेस पहनाकर भेजें। चूंकि बच्चा अभी छोटा है, तो बैग में नैपकिन जरूर रखें, ताकि हाथ गंदे होने पर वह साफ कर पाए।


- बच्चे का आई कार्ड जेब पर रखना कतई न भूलें। यह आपके बच्चे की आइडेंटिटी है। दरअसल , इसमें बच्चे की क्लास , सेक्शन वगैरह लिखा होता है। अगर बच्चा क्लास से बाहर कहीं निकल भी गया और वापस क्लास में नहीं पहुंच पा रहा है , तो इसकी हेल्प से स्कूल में कोई भी उसे उसकी क्लास व बस तक पहुंचा देगा।


- बच्चे को स्कूल बस के समय से तकरीबन 40 मिनट पहले उठा लें। ताकि उसे तैयार होने तक पूरा समय मिल सके। लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि वह सुबह समय पर तभी उठेगा , जब आप रात को उसे समय पर सुलाएंगी।


- बच्चे के लिए 8 से 10 घंटे की नींद बेहद जरूरी है। इसलिए रात को उसे उसी हिसाब से सुलाएं। अगर उसकी नींद पूरी नहीं होगी , तो वह क्लास में उनींदा रहेगा और उसका ध्यान क्लास एक्टिविटीज में नहीं लग पाएगा।


- बच्चे का स्कूल टिफिन तैयार करना किसी बड़े झंझट से कम नहीं होता। समझ में नहीं आता कि रोज क्या बनाएं , जो हेल्दी तो हो ही और बच्चा भी खुशी से खा ले। लेकिन प्लानिंग से आप इसका ध्यान रख सकते हैं। टिफिन में फ्रूट्स डालें , लेकिन इस तरह से कि उसे खाने में मजा आए। बच्चे के मनपसंद फ्लेवर लगाकर सैंडविच को फैंसी शेप में काटें। शुरू में टिफिन में उसकी मनपसंद चीजें रखें। जब उसे एक बार टिफिन की आदत पड़ जाए , तो फिर धीरे - धीरे उसका टेस्ट दूसरी चीजों की तरफ डिवेलप करें।


- घर आकर एक बार उससे दिनभर की एक्टिविटीज पर जरूर डिस्कस करें। इससे बच्चे को लगेगा कि आपको भी उसकी स्कूल एक्टिविटीज में इंटरेस्ट है।


- उसकी सभी चीजों को गौर से सुनें। अच्छी चीजों पर उसकी तारीफ करें। लेकिन गलत चीजों पर डांटे नहीं और न ही उस समय रिएक्ट करें। फिर कभी जब बच्चा अच्छे मूड में हो , तो उसे प्यार से उस बात को लेकर गलत व सही समझाएं।


- उससे उसकी फ्रेंड्स के बारे में भी बातचीत करते रहें। इससे आपको पता चलता रहेगा कि आपका बच्चा किस तरह के फ्रेंड सर्कल में मूव कर रहा है और किन विषयों में इंटरेस्ट ले रहा है।


- बच्चों के बिहेवियर पर नजर रखें। अगर आपको कुछ नेगेटिव चेंज नजर आ रहे हैं , तो तुरंत जाकर टीचर्स से मिलें। इससे आप समय रहते ही चीजों को संभाल पाएंगे।


- अगर बच्चा किसी वजह से परेशान है , तो उस समय उसे समस्या को हल करने का सही तरीका बताएं। एक - दो बार ऐसे एक्सपीरियंस के बाद उसमें समस्याओं से लड़ने की ताकत आ जाएगी और फिर वह बड़ी से बड़ी दिक्कतें भी बिना किसी तनाव के हल कर लेग ा।

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