बुधवार, 21 जुलाई 2010

सराहना करना सीखें

अरे वाह, आज तो तुमने टाइम से पहले ही अपना होम वर्क पूरा कर लिया! कहने को केवल एक वाक्य भर है, मगर इन चंद शब्दों का जादू कुछ ऐसा होता है कि आप और भी बेहतर करने की कोशिश करते है। हम सभी के लिए तारीफ एक टोनिक की तरह काम करती है, जो हमें और भी बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करती है। मगर फिर भी हम अक्सर बच्चो की तारीफ करने में पता नही क्यों कंजूसी कर देते है। हमें हमेशा उनकी गलतियाँ ज्यादा और खूबियाँ कम दिखाई देती है। जबकि वास्तविकता यह है कि बच्चो के लिए भी तारीफ उतनी ही जरुरी है जितनी हम बड़ों के लिए।

क्यों जरुरी है सराहना करना :

बच्चो का दिल बहुत कोमल होता है। आपका जरा सा प्यार और दुलार भले ही आपके लिए बहुत छोटी बात हो मगर उनके लिए बहुमूल्य होता है। सराहना या तारीफ, एक तरह का प्यार है जिसे हर बच्चा चाहता है इसलिए इसमें किसी प्रकार
की कटौती करना ठीक बात नही है। हाँ, यह सही है कि ज्यादा तारीफ और लाड-प्यार आपके बच्चे को बिगाड़ सकता है। मगर बात-बात पर पड़ने वाली दांत फटकार भी उसे सुधारने की बजाय बिगाड़ने में मदद करती है। आईये जानते है की कैसे थोड़ी सी तारीफ आपके बच्चे के पूरे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है।

मानसिक स्वास्थ्य :

तारीफ के दो बोल आपके बच्चे को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद करता है। आपको यकीं नही होगा मगर यह सच है। बार की
डांट और फटकार बच्चे के मनन में यह भाव पैदा कर देती है की वह कोई काम ठीक से नही कर सकता है। इस भाव के जन्म लेते ही बच्चा किसी भी नये काम को करने से डरने लगता है और धीरे धीरे उसके मन में किसी भी काम को करने की इच्छा भी ख़त्म होने लगती है। यही डर उसके मानसिक विकास में बाधा डाल सकती है।

भावनात्मक स्वास्थ्य :


बार-बार की डांट-फटकार भावनात्मक चोट जरुर पहुचती है। सबके सामने की गयी निंदा उसके आत्म विश्वास को गिराने लगती है और उसके अन्दर ही ही भावना धीरे-धीरे जन्म लेने लगती है। वाही दूसरी और तारीफ के दो बोल बच्चे को प्रोत्साहित करता है कि अपना काम और भी बेहतर ढंग से करें।

व्यक्तित्व पर प्रभाव :

जिस उम्र में बच्चो के व्यक्तित्व की नीव पड़ती है ऐसी उम्र में यदि आपके बच्चे का आत्मविश्वास ऊँचा रहे तो आपके बच्चे का विकास तेजी से होता है। मगर यदि आपके बच्चे का आत्मविश्वास कम होता चला जाये तो दब्बू बनता चला जायेगा।

क्या करें :
  • आपकी दिनचर्या कितनी भी बिजी क्यों न हो अपने बच्चे को समय दे।
  • अगर आपका बच्चा अच्छा काम करे तो उसकी तारीफ सबके सामने करें और उससे कोई काम गलत हो जाये तो उसे सबके सामने डाटने की बजाय प्यार से समझाएं।
  • उसे प्यार से बताये कि उसकी गलती कहाँ पर हुई है।
  • पूरी इमानदारी से तारीफ करें।
  • आप चाहे तो आप अपने बच्चे को अच्छे काम करने पर कोई स्टार भी दे सकते है।
  • अच्छा काम करने पर अपने बच्चे कि किसी छोटी सी इच्छा को पूरा कर सकते है।
  • आपका बच्चा आपको अपना रोल मॉडल समझता है इसलिए आपको सबसे पहले अपनी गलतियों को सुधारना बहुत जरुरी है।

क्या न करें :

  • बार-बार सबके सामने न डांटे क्योंकि ऐसा करने पर आपका बच्चा गलत चीजो को करना शुरू कर देगा। उसे इस बात का अहसास हओ जायेगा कि व आपका ध्यान गलत हरकते कर अपनी ओर खिंच सकता है। जिसकी वजह से उसकी गलत आदतें और भी बढ़ जाती है।
  • तारीफ करते हुए ऐसा भाव न दे कि जिससे इस बात का अहसास हो कि आप अपने बच्चे का मजाक बना रहें है।

बेफिक्री से भरी इस उम्र से अपने बच्चे की ऊँची उड़ान भरने में मदद करें ताकि उसका आत्मविश्वास भी शिखर पर पहुँच सकें।

(डॉ जितेन्द्र नागपाल से बातचीत पर आधारित)

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