गुरुवार, 8 जुलाई 2010

मानसून में रहे स्वस्थ

मानसून का सभी को बेसब्री से इन्तजार था। जैसे तैसे मानसून की पहली फुहार ने दस्तक तो दी, मगर इसी दस्तक से शुरू हो गयी मानसून में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का दौर। मानसून के इस मौसम में कैसे आप अपने और अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा करें। आइयें जानते है इस लेख में।
डॉ सुशीला कटारिया, इन्टरनल कन्सलटेंट, पारस अस्पताल के अनुसार, " इस मौसम में सबसे सामान्य परेशानियाँ खाने, पीने और मचरों के काटने से सम्बंधित होती है। इन्ही कुछ सामान्य स्वास्थ्य परेशानियों में है - दस्त लगाना, उलटी आना, बुखार, स्किन रेशैज, आदि।" अर्थात यदि आप गलत खानपान, संक्रमित पानी और मचरों से अपना बचाव करते है तो आप आसानी से मानसून की इन सब समस्याओं से बच सकते है।
क्या कहता है आयुर्वेद :
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ प्रीति छाबरा के अनुसार, " गर्मियों के मौसम में शरीर में पानी का स्तर कम हो जाता है मगर मानसून के आते ही पानी का स्तर शरीर में बढ़ने लगता है। इस मौसम में विशेष रूप से पाचन प्रक्रिया सुस्त हो जाती है जिसके परिणाम स्वरुप भूख कम लगती है। पेट सम्बन्धी समस्याएँ, जी मिचलाना, अपच, पेट का दर्द, मरोड़े, आदि सामान्य परेशानी जन्म लेती है। मलेरिया, टायफायड, डेंगू, डायरिया, आँखों का आना, स्किन परेशानिया, यूरेनरी इन्फेक्शन, पेट में कीड़े, वायरल आदि इस मौसम में होने वाली कुछ अन्य समस्याएँ है। इन सभी के अलावा कई बार कुछ लोगो के जोड़ों में दर्द की परेशानी भी बढ़ जाती है।
डॉ छाबरा के अनुसार, " यह सभी स्वास्थ्य समस्यां पित्त दोष के कारण जन्म लेती है। इन परेशानियों से बचने के लिए आपको स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने के साथ-साथ खानपान की अच्छी आदतों को अपनाना भी बहुत जरुरी है।

क्या खाएं इस मौसम में :

आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ छाबरा के अनुसार, इस मौसम में कडवे और नमकीन स्वाद वाली चीजों का सेवन ज्यादा करना चाहिए। आप इस मौसम में अनाज, चावल, जौ, छाछ, पतली दही, दूध, राबड़ी, मेथी, कद्दू, बैगन, करेला, जीरा, अदरक, लहसुन और कच्चे प्याज का सेवन कर सकते है। इस मौसम में शहद का सेवन खाने और पानी में किया जाना चाहिए। अदरक और नमक का सेवन खाने से पहले करना बहुत असरदार होता है और यह पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त करने में भी मदद करता है। साथ ही आप दालचीनी, सूखा अदरक, इलायची, काली मिर्च, गुनगुने पानी के साथ ले सकते है। अधिक मात्रा कोल्ड ड्रिंक, एल्कोहल का सेवन, धूप में देर तक रहना, अपने शरीर को बहुत थकाना, आदि बिलकुल न करें।

इन सब बातों के अलावा डॉ छाबरा ने एक और सुझाव दिया है की इस मौसम में दिन के समय न सोये। साथ ही तापमान के उठते- गिरते पारे में शारीर के दर्द से बचने के लिए मसाज की मदद ली जा सकती है। नहाते समय के पानी में अरोमा आयल या किसी प्रकार की सुगंधी का प्रयोग करें यह आपको तरोताजा रखता है और आपके एनर्जी के स्तर को बढाता है। साथ में इस मौसम में हल्के साफ़ कपडे ही पहने।

किन दवाइयों का करें सेवन :

डॉ कटारिया के अनुसार, "बीमारी के होने के बाद इलाज कराने से बेहतर है कि आप पहले ही सावधानी बरते। इसलिए साफ़ पानी पीये, स्वछता के नियमों का पालन करें ताकि आप बीमारियों का शिकार होने से बच जाएँ। यदि आपकी तबियत खराब हो तो आप ओआरएस, एंटाएसिड, पेन किलर जैसे पैरासिटामोल आदि का सेवन कर सकते है। यदि आप डायब्टीज, हार्ट डिजीज, किडनी रोगी है और इनका सेवन करने के बाद भी आपकी स्तिथि में कोई सुधार नही आता है तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना जरुरी है।"

"वैसे तो मेरे द्वारा बताई गयी दवाइयां और रिहैड्रेशन सल्यूशन हर आयु के व्यक्ति के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। मगर यदि आपको इन दवाइयों से किसी प्रकार की एलर्जी है या इन दवाइयों का सेवन करने के बाद कुछ समय न हो तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले।"

यह मौसम फुहारों और खुशियों का है। इस मौसम में बीमार होकर इस मौसम का लुत्फ़ उठाने का मौका आप चूक जाये इसलिए "सावधानी ही बचाव है" अपनाये और अपने शरीर को स्वस्थ बनाये।

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