सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

बदलते मौसम में बाल संवारें सेहत:
राजेश राना:

अपने लुक और पर्सनैलिटी में चार चांद लगाने के लिए हम आजकल बालों के साथ तरह-तरह के प्रयोग करते रहते हैं। इससे कई समस्याएं भी सामने आती हैं, जिसमें बालों के झड़ने से लेकर सफेद होने तक की समस्याएं शामिल हैं। अब तो दिल्ली का मौसम भी रोज-रोज रंग बदलने लगा है। ऐसे में बालों का कैसे खयाल रखें | दिल्ली का युवा वर्ग लेटेस्ट फैशन, नए-नए ट्रेंड और स्टाइल को अपनाने के लिए जाना जाता है। मेट्रो सिटीज खासकर देश की राजधानी दिल्ली के युवा नई चीजों को ट्राई करने, मेकओवर करने, नया लुक अपनाने और नए-नए हेयर स्टाइल अपनाने में भी पीछे नहीं हैं। यही कारण है कि दिल्ली और मेट्रो सिटीज का युवा वर्ग एक ओर जहां अपनी इस जीवनशैली के लिए मशहूर है, वहीं वे नई-नई समस्याओं और गंभीर बीमारियों से पीड़ित होने के लिए भी जाने जाते हैं। दिल्ली के 80 फीसदी युवा बालों से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं, क्योंकि वे बदलाव को सबसे अधिक पसंद करते हैं।
बालों की समस्या और कारण:
दिल्ली में खासकर लड़कियों में बालों से जुड़ी समस्याओं के चार मुख्य कारण हैं।

बालों की उचित साफ-सफाई न रखना या फिर लापरवाही बरतना।
किन्हीं कारणों से ट्रॉमा या तनाव में रहना।
बालों में किसी तरह का इंफेक्शन होना।
दवाओं के साइड इफेक्ट। इन कारणों से बालों में डेंड्रफ, खुजली, बालों के झड़ने, गंजेपन और बालों में रूखापन या स्कॉल्प के शुष्क होने की समस्या होती है। राजधानी के अधिकांश युवा और खासकर लड़कियां इन समस्याओं से गुजर रही हैं।
अन्य कारण:

खासतौर पर दिल्ली में इन बीमारियों के कुछ अन्य ठोस कारण भी हैं। प्रदूषण, व्यस्त जीवनशैली, काम के बोझ के कारण तनाव, बालों की देखभाल के लिए समय की कमी, मौसम का उतार-चढ़ाव, नए-नए हेयर प्रोडक्ट्स अपनाना और उनमें बार-बार बदलाव करना, बार-बार बालों को रंगना, नए-नए हेयर स्टाइल अपनाना, पौष्टिक खाने की कमी, जंकफूड से दोस्ती और कुछ गंभीर बीमारियां या हार्मोंस का संतुलन बिगड़ना भी बालों की समस्या के कारण हो सकते हैं। आप चाहते हैं कि आपके स्कॉल्प (सिर की त्वचा) और बालों को नुकसान ना पहुंचे, तो आपको समय रहते बालों की समस्याओं को पहचानना होगा और इनका समय पर उपचार करवाना चाहिए। बालों को लगातार पोषक तत्व दें और बालों पर इस्तेमाल किए जाने वाले हेयर प्रोडक्ट्स के प्रति सावधान रहें।
संतुलित आहार और स्कॉल्प की देखभाल कर इन समस्याओं से बच सकते हैं।
कुछ सामान्य समस्याएं:

बालों का टूटना या बाल के कई टुकड़े होना।
दोमुंहे बाल होना
उनका समय से पहले सफेद होना
चिपचिपापन- ऑयली होना
रूसी या डेंड्रफ होना
फंगस, दाने, एलर्जी या संक्रमण होना।
बालों का सीधा ना होना या घुंघराले होना।
ऐसे बचें:
बालों को पोषक तत्व देने के लिए बाल धोने से पहले तेल से मालिश करनी चाहिए। सप्ताह में एक बार बालों की अच्छी तरह मसाज या चंपी करवानी होगी।
दिनभर में कम से कम 3 लीटर पानी पीएं। साथ ही कम से कम आठ घंटे की नींद पूरी करें।
चाहें तो महीने में एक बार बालों में दही, अंडा या फिर दही, नींबू, मेहंदी आदि का इस्तेमाल करें।
बालों में बार-बार कंघी करने के बजाय दो-तीन बार कंघी करें।
दूसरों की कंघी, तौलिया, हेयर प्रोड्क्ट्स का इस्तेमाल न करें।
लोकल हेयर प्रोडक्ट्स इस्तेमाल न करें और हर्बल हेयर प्रोडक्ट्स को महत्व दें।
बालों को स्वस्थ और हेल्दी बनाने के लिए व्यायाम, योग और मेडीटेशन भी जरूरी है।
महीने में एक बार हेयर स्पा भी ले सकते हैं। नियमित व्यायाम भी आपके लिए बहुत जरूरी है।
बालों को गर्म पानी से न धोएं और बालों में हेयर ड्रायर इस्तेमाल न करें।
बालों की समय-समय पर कंडीशनिंग करते रहें।
सप्ताह में दो-तीन बार बालों को जरूर धोएं।
ताजे फल, हरी सब्जियां आदि लें। विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करें।
दोमुंहे बालों को कभी-कभी कटवाते रहें।
बार-बार हेयर स्टाइल में बदलाव न लाएं, इससे बालों पर लगने वाले केमिकल बालों को नुकसान पहुंचाते हैं।
धूल-मिट्टी, प्रदूषण और तेज धूप से बचाने के लिए बालों को कवर करके घर से निकलें।
घरेलू नुस्खें:
आंवला और अंगूर के रस का सेवन।
दूध, बादाम, मछली का सेवन।
बालों पर कसूरी मेथी का पेस्ट लगाएं।
बालों पर आंवला, रीठा और शिकाकाई का पेस्ट लगाएं।
पपीते के जूस को बालों पर लगाएं।
बालों को रंगने से पहले सावधानियां:
एलर्जी होने पर बाल कलर ना करें।
अमोनियायुक्त डाई का इस्तेमाल करने के बजाय प्रोटीनयुक्त डाई का इस्तेमाल करें।
बालों को धोने के बाद सुखाकर कलर करें।
पहली बार बाल कलर करने से पहले हेयर एक्सपर्ट की सलाह लें।
बालों को रंगने वाला कलर अच्छी क्वालिटी का ही इस्तेमाल करें।
बालों को रंगने से पहले या बाद में 15-20 दिन तक बालों पर कोई प्रयोग ना करें।
क्या आप जानते हैं:

सिर के एक बाल की उम्र 1 से 6 साल तक के बीच होती है।
बाल टूटने के बाद उसी जगह दोबारा बाल उग आता है।
एक स्वस्थ बाल आधे इंच से तीन चौथाई इंज प्रतिमाह बढ़ता है।
जैसे- जैसे खोपड़ी की त्वचा कमजोर और ढीली पड़ने लगती है, वैसे-वैसे बालों के टूटने और गिरने की प्रक्रिया में तेजी आ जाती है।
बालों के लुक के साथ छेड़छाड़ न करें:
बालों की प्राकृतिक चमक बनाए रखने के लिए बालों को हर दूसरे दिन धोएं।
बालों पर कभी भी हेयर ड्रायर, प्रेसिंग या फिर किसी गर्म चीज का प्रयोग न करें, क्योंकि इससे बाल खराब होते हैं।
आप चाहें तो अपने शैंपू को सूट ना करने पर बदल सकते हैं, लेकिन बालों की चमक बरकरार रखने के लिए आपको अच्छी क्वालिटी के कंडीशनर का इस्तेमाल करना चाहिए।
बालों का लुक जैसा है वैसा ही रहने दें। उन पर बहुत अधिक एक्सपेरिमेंट ना करें। यदि बाल स्ट्रेट हैं तो उन्हें स्ट्रेट ही रहने दें ना कि घुंघराले करवाएं। इसी तरह घुंघराले बालों को स्ट्रेट ना करवाएं, इससे आपके बालों को नुकसान पहुंच सकता है।
नियमित साफ सफाई है जरूरी:

बालों की नियमित देखभाल करें। आप समय-समय पर बाल कटवाते रहें, ताकि दोमुंहे बालों की समस्या से बच सकें।
नियमित रूप से बालों की साफ-सफाई करनी चाहिए। जब भी बाल धोएं, बालों की कंडीशनिंग भी करें, जिससे आपके बाल सिल्की और चमकदार बन सकें।
स्टाइलिश दिखने के लिए बालों पर नए-नए एक्सपेरिमेंट के बदले खुद से ही हेयर स्टाइल्स में बदलाव लाएं।

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