मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012

सिरदर्द समस्या नहीं, समस्या की खबर:
एक सर्वेक्षण के अनुसार, सिरदर्द की समस्या हर जगह देखने को मिल जाती है, लेकिन न तो इसे तवज्जो दी जाती है और न ही इसका सही इलाज करवाया जाता है। सर्वेक्षण कहते हैं कि सिरदर्द किसी गंभीर बीमारी का कारण कम ही बनता है, इसलिए आमतौर पर इसे हल्के में लिया जाता है। अपने यहां इसकी वजह दुख, काम का बोझ, नींद में गड़बड़ी और तनाव माना जाता है। सिरदर्द की शिकायत आमतौर पर किशोरावस्था से लेकर 60 साल की उम्र तक होती है। सिरदर्द की वजह से लोगों को काफी असुविधा होती है। लेकिन अधिकांश लोगों में यह अस्थायी होता है। लेकिन अगर ये सिरदर्द असहनीय हो, तो अपने चिकित्सक से संपर्क करने में न हिचकें। अगर सिरदर्द तेज, रुक-रुक कर आने वाला, बुखार के साथ आने वाला हो, तो इसकी चिकित्सा जांच करवाना बेहद जरूरी है, नहीं तो ये परेशानी का सबब भी बन सकता है।
कई तरह के सिरदर्द:

तनाव व माइग्रेन सिरदर्द के ही प्रकार हैं। माइग्रेन और समग्र सिरदर्द शारीरिक थकान पैदा करता है और नाड़ियों के दर्द को बढ़ा देता है। इसमें सिर के चारों तरफ की रक्त नलिकाएं और टिशू मुलायम हो जाते हैं या उनमें सूजन आ जाती है, जिस कारण सिरदर्द होता है। क्लस्टर सिरदर्द माइग्रेन से कम सामान्य है। क्लस्टर सिरदर्द कम अंतराल पर कई बार पैदा होता है। कभी-कभी ये कई सप्ताह या महीनों तक रहता है और काफी तकलीफदेह होता है।
कब गंभीर हो जाता है सिरदर्द?
आमतौर पर सिरदर्द गंभीर स्थिति कम ही पैदा करते हैं। अधिकांश सिरदर्द मांसपेशियों के तनाव से पैदा होते हैं और घर में ही उनका इलाज आसानी से किया जा सकता है। इसके अलावा अन्य किसी कारण से होने वाला सिरदर्द किसी गंभीर रोग का संकेत भी हो सकता है। सिरदर्द के इन लक्षणों के होने पर चिकित्सकीय परामर्श लेना बहुत आवश्यक है। तेज और अचानक शुरू हुआ सिरदर्द, जो बिना किसी कारण के हुआ हो।
सिरदर्द के साथ बेहोशी, देखने में समस्या आना व अन्य कोई शारीरिक कमजोरी।
सिरदर्द के साथ गर्दन में अकड़न और बुखार लगना।
यदि आप अपने सिरदर्द के बारे में निश्चित नहीं हैं, तो आपको चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए, ताकि आप जान सकें कि कहीं आपका सिरदर्द किसी गंभीर बीमारी का इशारा तो नहीं है।
सिरदर्द के कारण:
महानगरों की दौड़ती-भागती तेज रफ्तार जिंदगी में किसी भी इंसान को थकान, सिरदर्द, बुखार, ब्लडप्रेशर की समस्या होना एक आम बात बनकर रह गई है। इनमें से सिरदर्द सबसे सामान्य समस्या है। लेकिन कई बार ये जटिल रूप धारण कर सकता है। आमतौर पर सिरदर्द नींद पूरी न होने पर, दांतों में दर्द होने पर, थकान होने पर, गलत दवाई लेने पर, चश्मे का नंबर बढ़ने पर, मौसम बदलने पर हो सकता है। लेकिन इनमें मुख्य तीन कारण हैं- तनाव से उत्पन्न सिरदर्द, जुकाम या नजले से उत्पन्न सिरदर्द और माइग्रेन से उत्पन्न सिरदर्द।
तनाव से उपजा सिरदर्द:
तनाव के कारण होने वाला सिरदर्द सामान्य प्रकार का होता है। ये मांसपेशियों में सिकुड़न के कारण होता है। ये सिरदर्द लंबे समय तक तनाव के बने रहने के कारण उत्पन्न होता है। तनाव के कारण पैदा हुआ सिरदर्द अक्सर धीमा और स्थिर होता है। 90 प्रतिशत सिरदर्द इसी कारण होते हैं और आमतौर पर खुद ही ठीक हो जाते हैं। जुकाम या नजले से सिरदर्द:
कई बार नजले या साइनस के संक्रमण के कारण भी सिरदर्द की समस्या उत्पन्न हो जाती है। सर्दी या फ्लू के कारण साइनस के रास्ते या आपकी नाक के ऊपर स्थित हवा के स्थान में सूजन के कारण साइनस सिरदर्द पैदा होता है। जुकाम या नजले के जम जाने या संक्रमित होने पर दबाव बढ़ता है, जिससे सिरदर्द तेज होता है और कई बार लगातार होता रहता है। यह अधिकतर सुबह शुरू होता है। इसमें नीचे झुकने पर दर्द असहनीय हो जाता है। साइनस के कारण हुए सिदर्द में आंखों में, गाल में और सिर के अगले हिस्से में दबाव और दर्द होता है। इसमें ऊपरी दांत में दर्द, बुखार, ठंड लगना, चेहरे पर सूजन आदि की समस्या आ जाती है।
माइग्रेन का सिरदर्द:
माइग्रेन का सिरदर्द हर व्यक्ति में अलग-अलग होता है। माइग्रेन वाला सिरदर्द आमतौर पर सिर के एक हिस्से या दोनों हिस्सों में होता है। ये बहुत तेज होने वाला सिरदर्द है। माइग्रेन से उत्पन्न सिरदर्द में कई बार जी मिचलाना, उल्टी होना, रोशनी के प्रति संवेदनशीलता और दृष्टि-दोष, सुस्ती, बुखार और ठंड भी लगती है। माइग्रेन से होने वाला सिरदर्द कई बार धीरे-धीरे और कई बार तेज होने लगता है। इसमें आपको दृष्टि-दोष भी हो सकता है। अध्ययन कहते हैं कि 50 प्रतिशत लोग डॉक्टर के पास जाने की बजाय खुद अपने सिरदर्द का इलाज करते हैं। लेकिन सिरदर्द के उचित इलाज की जरूरत बहुत ज्यादा है।
सावधानियां:

इस दर्द से निजात के लिए घरेलू उपचार से काम चलाने का प्रयास न करें। अव्वल तो तनाव को कम करें, नींद पूरी लेने का प्रयास करें और सिरदर्द की समस्या कुछ समय तक लगातार बनी रहे तो डॉक्टर के पास जाने से बिल्कुल भी न हिचकें क्योंकि थोड़ी-सी लापरवाही बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है।

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