शुक्रवार, 25 मार्च 2011

बचना वीकएंड स्ट्रैस से


वीकएंड का नाम सुनते ही हम सभी के चेहरों पर एक मुस्कान आ जाती है। मगर वीकएंड की यह मुस्कान ज्यादा देर टिक नही पाती है। वीकएंड का मतलब है अपने सभी पैंडिंग कामों को पूरा करना और यहीं सोच हमारे वीकएंड को स्ट्रैसफुल बना देती है। आइये जानते है :

कामकाजी लोगों के लिए वीकएंड मरते को तिनके का सहारा होती है। इस दिन आप अपने सारे काम पूरा करना चाहते है। मगर वीकएंड के नाम पर बार-बार पीछे की तरफ धकेल दिए जाने वाले काम, जब तक वीकएंड आता है तब तक पहाड़ की तरह बड़ा लगने लग जाता है।

प्राइवेट फर्म में काम करने वाली रिया सिंह, ऑफिस और घर दोनों की जिम्मेदारियों को उठती है। उनके अनुसार, "घर के बाकी लोग अपने-अपने हिसाब से समय निकाल कर काम कर लेते है मगर मैं और मेरे पति अपने लिए समय नहीं निकाल पते है इसलिए वीकएंड ही हमारा एक आसरा होता है जिस दिन हम अपने सभी कामों को पूरा करते हैं। उस दिन हमें अपनी नींद भी पूरी करनी होती है, आराम भी करना होता है, खरीदारी पर जाना भी होता है, दोस्तों से मिलना भी होता है। पर अक्सर मैं जो भी काम वीकएंड में पूरा करना चाहती हूँ, वह कभी भी पुरे नहीं हो पाते है। हर बार कोई न कोई ऐसा काम रह ही जाता है जिसे मुझे अगले वीकएंड तक धकेलना पड़ता है।"

अनुज शर्मा, दिल्ली में आई टी सैक्टर में काम करते है। उनका परिवार आगरा रहता है। उनके अनुसार, " वीकएंड का मतलब मेरे लिए है अपने परिवार से मिलना। मेरा घर आगरा में है। शुक्रवार से ही आगरा जाने की जद्दोज़हद शुरू हो जाती है। ऐसे में अपने लिए तो समय निकाल ही नही पाता हूँ। और अगर घर न जाओ तो परिवार के सदस्यों को बुरा लगता है। ऐसे में घर जाना जरुरी हो जाता है। दिल्ली और आगरा की यह दौड़ का विचार ही मुझे पूरी तरह से थका देता है।"

क्यूँ होता है वीकएंड स्ट्रैस :

डॉ आरती आनंद, कंसल्टेंट, साइकोलोजी, सर गंगाराम अस्पताल, नयी दिल्ली के अनुसार, " इन दिनों में आपको अपने निजी, पारिवारिक, घरेलु, आदि सभी काम पूरे करने होते है। सप्ताह के पांच दिन में आप जो काम नहीं कर पायें है वो काम तो आपको अपने वीकएंड में पूरे करने ही होते है। साथ ही आपको अपने उन निजी कामों को भी करना होता है जो आप पूरे सप्ताह में नहीं कर पाते है। "

कारण :

वीकएंड स्ट्रैस के कुछ कारणों पर डॉ आनंद ने प्रकाश डाला है :
  • अक्सर वीकएंड में काम जिन्हें आप पूरा नहीं कर पाते है, उन्हें आप वीकएंड पर छोड़ देते है। ऐसा करते-करते आपके पास इतने काम हो जाते है कि आपको समझ ही नहीं आता है कि आपको कौन सा काम कब करना है। प्राथमिकताएँ निर्धारित न करने के कारण काम समय पर पूरे नहीं हो पाते है और आप तनाव का शिकार हो जाते है।
  • आप इसलिए भी तनाव का शिकार हो जाते है कि आपके मन में यह बात बार-बार आने लगती है कि आपके काम अभी तक पूरे नहीं हो पायें और अगला दिन सोमवार है यानी आपको ऑफिस जाना है। काश आप एक और दिन छुट्टी बढ़ा पाते। मन में आई यह बात कई बार आपके मूड को ख़राब कर सकती है।
  • आपको आराम करने का समाज न मिलें, तब भी आप वीकएंड स्ट्रैस का शिकार हो जाते है।
  • जो लोग शनिवार को भी काम करते है, उनके पास सप्ताह का केवल एक दिन ऐसा होता है जिस दिन आपको अपने-अपने सारे काम निपटाकर आराम करना है। इसी भगादौड़ी में आपके काम हडबडाहट में पूरे होते है और आप अंत में स्ट्रैस का शिकार बनते है।
  • आप चाहते है कि आप आराम करें और आप दिनभर टीवी देखे मगर परिवार की जिम्मेदारियों में आप अपने काम नहीं कर पाते है। अपनी इसी इच्छा के पूरा न होने के कारण आपका दिन स्ट्रैसफुल हो जाता है।
क्या करें :
अब तक तो रही बात की वीकएंड स्ट्रैस के कारण क्या है? अब सवाल उठता है कि वीकएंड स्ट्रैस से बचने के लिए करें तो क्या करें। इसी समस्या का उपाय बताते हुए डॉ आनंद ने बताया है कि -
  • सबसे पहले अपना आधा समय काम को दें और आधा समय आराम को दें। जैसे यदि आपकी दो दिन की छुट्टी होती है यानी शनिवार और रविवार तो आप अपने काम शनिवार को पूरा करें और रविवार वाले दिन केवल आराम करें। मगर यदि आपकी केवल रविवार की छुट्टी होती है तो प्रयास करें कि सप्ताह के बीच के वे काम आप सप्ताह के अन्य दिनों में कर सकते है, उन्हें वीकएंड पर न टालें। इससे आपके वीकएंड के कामों की संख्या में कमी आएगी।
  • अपनी सोशल लाइफ को व्यवस्थित करें।
  • स्ट्रैस फ्री रहने का प्रयास करें।
  • यदि आपके कोई दोस्त या बॉस आपको छुट्टी वाले दिन भी कोई काम करने को कहता है तो विनम्र भाव से न कहने का प्रयास करें।
  • यह मान कर चलें कि एक दिन सिर्फ आपका अपना दिन है और आप उस दिन केवल अपने लिए और अपने आराम के लिए बिताएंगे।
  • अपने लिए निकले गए समय में आप रिलैक्सेशन एक्सरसाइज़ करें, योग करें, स्पा में जाएँ और आनंद उठायें। या फिर वो करें जो आपको पसंद हो। यह सभी चीज़े आपको स्ट्रैस फ्री रखने में मदद करता है।
सप्ताह का अंतिम दिन आपका अपना दिन है। इसे अपनी तरह से गुजरने का प्रयास करें। अपने कामों को पूरा करने के लिए वीकएंड पर न टालें बल्कि उसे समय पर पूरा कर अपने वीकएंड को स्ट्रैस फ्री बनाने का प्रयास करें।

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