- इससे हृदय मजबूत बनता है.
- यह शरीर में ऊर्जा का संचार करती है और शारीरिक गतिविधियों को करने में सहायता करती है.
- सम्पूर्ण स्वास्थ्य में सुधार करने में सहायक होती है.
- तनाव को कम करती है.
- थकान दूर करती है.
- लम्बी आयु और स्वस्थ जीवन जीने में सहायक होती है.
कैसे करें सुधार :
अब प्रश्न यह उठता है कि यदि साँसों कि प्रक्रिया गलत है तो उसमे सुधार कैसे लाया जाये? इस पर प्रकाश डालते हुए योग गुरु सुनील सिंह ने बताया है कि हमेशा लयबद्धता के साथ धीरे-धीरे और लम्बी साँस ले. अगर आप नियमित रूप से प्राणायाम का अभ्यास करते है तो आपकी साँस लेने की गलत प्रक्रिया में सुधार लाया जा सकता है.
गलत प्रकिया के कुप्रभाव :
हमने सही प्रक्रिया के बारें में तो चर्चा कर ली. आइये अब गलत या अनियमित ढंग से ली गयी सांसों के कुप्रभाव पर भी एक नज़र डालते है. गलत ढंग से ली गयी सांसो से मस्तिष्क की लयबद्धता बाधित हो सकती है. साथ ही शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक विकास में भी रूकावट पैदा हो सकती है. ऐसा कहना है योग गुरु सुनील सिंह का.
अंत में हमें योग गुरु सुनील सिंह ने बताया है कि "नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से सम्पूर्ण स्वास्थ्य को लाभ मिलता है. यहाँ तक कि यह अस्वस्थ शरीर में भी यह स्वास्थ्य का संचार करने में सहायक साबित होता है.
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